Crime News: नोएडा में में बैठकर अमेरिका वालों को लगाते थे चूना, 33 महिलाओं समेत 73 गिरफ्तार
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Crime News: नोएडा में में बैठकर अमेरिका वालों को लगाते थे चूना, 33 महिलाओं समेत 73 गिरफ्तार

Noida Fake Call Centre: पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर मणिपुर और नागालैंड के रहने वाले युवक युवतियां हैं. इस कॉल सेंटर के जरिए ये लोग यूएस बेस्ड नागरिकों के उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी कर उनके साथ ठगी किया करते थे.

Crime News: नोएडा में में बैठकर अमेरिका वालों को लगाते थे चूना, 33 महिलाओं समेत 73 गिरफ्तार

Noida Crime News: नोएडा के थाना सेक्टर-142 पुलिस ने शनिवार को फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 73 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें 40 पुरुष कर्मचारी और 33 महिला कर्मचारी शामिल हैं. इस गिरोह के चार अन्य सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

मणिपुर और नागालैंड के ज्यादातर लोग
पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर मणिपुर और नागालैंड के रहने वाले युवक युवतियां हैं. इस कॉल सेंटर के जरिए ये लोग यूएस बेस्ड नागरिकों के उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी कर उनके साथ ठगी किया करते थे. अब तक ये लोग करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि सेक्टर-90 में बने भूटानी अल्फाथूम बिल्डिंग में ये बीते 4 महीनों से अपना कारोबार चला रहे थे. पुलिस को इनके कब्जे से 73 कम्प्यूटर सेट (टीएफटी, सीपीयू, कीबोर्ड, माउस, हेड फोन आदि), 14 मोबाइल, 3 राउटर, 48,000 रुपए नकद, 58 वर्क प्रिंट आउट और फर्जी कॉल सेन्टर संचालन के उपकरण बरामद किए हैं.

क्रिप्टो करेंसी में करते थे ठगी
अभियुक्त कंप्यूटर में मौजूद वीआईसीआई डायल सॉफ्टवेयर तथा एक्सलाईट/आईबीम डायलर का प्रयोग कर कॉल प्राप्त करते थे जो कॉल सेंटर के मालिक द्वारा लैंड करवाई जाती थी. कॉल प्राप्त होने पर फ्लोर पर मौजूद सभी यूएस मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिकों की कॉल रिसीव करते थे. उन्हें सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा प्राप्त कर ठगी करते थे.

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एफबीआई से गिरफ्तारी का दिलाते थे डर
पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर में कार्यरत अभियुक्त फर्जी टेली कॉलिंग का इस्तेमाल कर विदेशी नागरिकों को कॉल करते थे. कॉल मिलने पर ये लोग अमेरिकी नागरिकों को झांसा देकर उनसे उनका सोशल सिक्योरिटी नम्बर प्राप्त कर लेते थे. अभियुक्त एक स्क्रिप्ट के जरिए अमेरिकी नागरिकों को झांसा देते थे. अभियुक्तों ने अमेरिकी मार्शल तथा अमेरिकी ट्रेजरी की फर्जी ईमेल आईडी बनाई, जिनके द्वारा अमेरिकी नागरिकों के सोशल सिक्योरिटी नंबरों का दुरुपयोग कर उनका नाम अवैध आपराधिक गतिविधियों मे आ जाने की बात कहकर एफबीआई द्वारा जांच एवं गिरफ्तारी करने की बात कह कर ठगी की जाती थी.