Noida Crime News: ग्रेटर नोएडा में बैठ लूटते थे अमेरिकिन्स को, कॉल सेंटर के जरिये ऐसे ऐंठे पैसे
Noida Crime News: नोएडा में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था और विदेशियों को लूट रहा था.
Noida Crime News: स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट में एक अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह कॉल सेंटर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र में कई साल से चल रहा था. इस कॉल सेंटर के द्वारा आरोपियों ने अमेरिकी नागरिक के खातों से रुपये ट्रांसफर कर धोखाधड़ी की. मामले में एसटीएफ ने 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही उनके पास से लग्जरी कारें, लैपटॉप, मोबाइल, विदेशी मुद्रा के साथ चार लाख रुपये की भारतीय मुद्रा भी बरामद की है.
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बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र के अंतर्गत महागुण माईवुड सोसायटी में एक अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था. इस कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिक समीर गुप्ता के साथ धोखाधड़ी की गई. समीर गुप्ता अमेरिका के न्यू जर्सी में रहते हैं. इसके साथ ही अमेरिकी नागरिक जॉन जॉनसन व वरुण सूद के साथ भी धोखाधड़ी की गई.
कॉल सेंटर के माध्यम से उनके पास कॉल की गई और फिर धोखाधड़ी करते हुए बैंक ऑफ अमेरिका के अकाउंट नंबर से रुपये निकाल कर हांगकांग के एचएसबीसी के अकाउंट नंबर में ट्रांसफर किए गए. पीड़ितों की शिकायत के बाद एसटीएफ नोएडा यूनिट में मामले में जांच शुरू की और टीम गठित करते हुए फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले सभी आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ गौतम बुध नगर के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि अमेरिकी नागरिकों की शिकायत पर कॉल सेंटर के खिलाफ जांच शुरू की गई, जिसमें पता चला कि इस गैंग का सदस्य वरुण जो कि अंकुर गुप्ता का पार्टनर है, वह बिसरख थाना क्षेत्र के स्थित महागुण माईवुड सोसायटी में कॉल सेंटर चल रहा है. वहीं अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है. इस सूचना के बाद जानकारी जुटाते हुए और सर्विलांस के माध्यम से बिसरख पुलिस के साथ कॉल सेंटर पर छापामारी करते हुए 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी अंकुर गुप्ता (39) ने पूछताछ में बताया कि वह एमबीए पास है. अंकुर गुप्ता ने 2004 से लेकर 2011 के बीच कई कॉल सेंटर में विभिन्न पदों पर काम किया है. इसके बाद 2012 में करोल बाग दिल्ली में मोबाइल फोन इंपोर्ट करके दिल्ली एनसीआर के मार्केट में बेचने का काम शुरू किया.
इस दौरान उसकी जान पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई, जिसने उसको एप्पल फोन को तस्करी कर हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने का काम शुरू कराया. इस काम के चलने के दौरान उसकी मुलाकात गुजरात के अगडिये मुकेश शाह से हो गई. 2019 में मुकेश शाह ने हांगकांग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु गुप्ता से कराई और हिमांशु गुप्ता फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाकर यूएसए के नागरिकों से धोखाधड़ी करने का काम करता था. इससे यह काम सीखकर अंकुर गुप्ता पिछले 4 वर्षों से फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चल रहा है.
करोल बाग दिल्ली में काम करते हुए अंकुर गुप्ता की मुलाकात तरुण से हुई, जो वहां पर मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान करता था. इस काम में तरुण ने अंकुर के साथ मिलकर काम को आगे बढ़ाया. आरोपी अंकुर गुप्ता की डार्क वेब व टेलीग्राम चैनल के माध्यम से कॉल जेनरेटिंग हैकर्स के संपर्क में आया, जिसके पास यूएसए के नागरिकों का डाटा होता था और यह इस डाटा पर एसएमएस ब्लास्टिंग, ईमेल ब्लास्टिंग व पॉप्स के द्वारा यूएसए के नागरिकों के मोबाइल में उनकी मेल पर अटैक करते थे.
Bitcoin के जरिये करता था पेमेंट
वहीं मोबाइल बैंकिंग इंश्योरेंस आदि समस्याओं में सहायता ऑफर करते हुए जैसे ही वह विदेशी नागरिकों के द्वारा कॉल की जाती थी तो वह कॉल क्लाउड बेस्ड डीलर के माध्यम से अंकुर गुप्ता के कॉल केंद्र पर पहुंच जाती थी. इसके बाद अंकुर गुप्ता बिटकॉइन में कॉल जेनरेटिंग हैकर्स को पेमेंट करता था. इसके लिए अंकुर गुप्ता ने विभिन्न प्लेटफार्म पर 6 क्रिप्टो वॉलेट बना रखे थे. अंकुर गुप्ता के कॉल सेंटर पर कॉल आते ही फर्जी रूप में लगाई गई समस्याओं के निवारण के लिए विदेशी पीड़ित से उस डॉलर विभिन्न पेमेंट्स मोड में बैंकों में ट्रांसफर कराए जाते हैं. इन सभी खातों के लिए आरोपी अंकुर गुप्ता इन खाताधारकों को क्रिप्टो करेंसी में पेमेंट करता है और फिर यह अगडिये के द्वारा पैसा कैश अंकुर गुप्ता में तरुण गुप्ता आदि के पास पहुंच जाता है.
विदेशी मुद्रा के साथ भारतीय रुपये व लग्जरी कारे बरामद
फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपियों के पास से एसटीएफ ने एमजी हेक्टर, मर्सिडीज, बलेनो, ब्रेजा स्कोडा सहित आठ लग्जरी करें बरामद की हैं. इसके साथ ही अलग-अलग कंपनियों के 23 लैपटॉप, 36 मोबाइल, धोखाधड़ी में प्रयोग किए जाने वाले साथ प्रिंट आउट पेपर, चार लाख रुपये की भारतीय मुद्रा, हांगकांग के 770 डॉलर, सिंगापुर के 318 डॉलर, थाईलैंड के 6170 भट्ट और दुबई के 1445 दिरहैम बरामद किए हैं.
Input: Pranav Bhardwaj
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