नई दिल्ली: ग्लोरबाइजेशन के दौर में कंकरीट और मॉल कल्चर और भागदौड़ भरी जिन्दगी में मानसिक तनाव से मन और भागदौड़ से तन टूटने लगता है. ऐसे में रंग-बिरंगे फूलों का साथ एक रिफ्रेश कर जाता है. राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में चल रही पुष्प प्रदर्शनी ने नोएडावासी भी कुछ ऐसा ही एहसास कर रहे हैं.


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नोएडा प्राधिकरण और फ्लोरिकल्चर सोसाइटी ऑफ नोएडा द्वारा कोरोना काल के बाद आयोजित तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी की गई. जो नोएडा के सेक्टर 21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में आयोजित की गई है. जहां एक से एक सुंदर और अलग तरह के फूल सबको अपनी तरह आकर्षित कर रहे हैं. तनाव से मन और भागदौड़ से टूटते तन ताजगी देती फूलों की प्रदर्शनी में आने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी उभर रही है. कौतुक और उत्सुकता से लोग प्रदर्शनी में फूलों के साथ महज 2 फुट लंबाई के बोनसाई पौधे निहारते. वहीं गमले में लगाए हुए कैक्टस यानि कांटों वाले प्लांट को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी है. साथ ही सोशल मीडिया में अपनी सेल्फी को आकर्षक बनाने कुछ लोग सेल्फी लेने में व्यस्त नजर आ रहे हैं. 


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जिस तरह से फ्लैट कल्चर और प्रदूषण बढ़ रहा है. उसे लेकर भी नोएडा एथॉरटी के अधिकारी चिंतित नजर आएं. नोएडा एथॉरटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि नोएडा में हरियाली को बढ़ाने का और प्रयास किया जाए. इस मौके पर शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया. नोएडा हाइराइज सोसासटी का शहर है. यहां किचन, टैरिस और बालकनी गार्डन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इस तरह के आयोजन को और बड़ा किया जाए.


26 फरवरी तक चलने वाले फ्लावर शो में इस बार की थीम फ्लावर ऑफ द ईयर मैरी गोल्ड रखी गई है. मेरी गोल्ड की नई प्रजातियों को हाथी , कंगारू, जिराफ के अलावा कई अन्य जंतुओं को फ्लावर से सजाया गया है. वहीं बोनसाई, कैक्टस, सजावटी पौधे, फ्लावर पॉट, हैंगिंग गार्डन, वर्टिकल गार्डन, फूलों की रंगोली भी बनाई गई है. फ्लावर शो में इस बार हवा को शुद्ध करने वाली प्रजाति के पौधे रखे गए. शो में 3 हजार 500 से ज्यादा प्रजातियों को लाया गया है. यहां 100 से ज्यादा स्टॉल भी लगे, जिसमें पेड़ों की खरीदारी की जा सकती है. यहां बोटनी से जुड़े लोग भी है जो पेड़ों को लगाने और उनकी देखभाल की जानकारी भी दे रहे है. इसके अलावा टैरिस , किचन और बालकनी गार्डन को बनाने के तरीके भी बताए जा रहे है.