Noida Luksar Jail Controversy: जिला कारागार गौतम बुद्ध नगर (लुक्सर जेल) पर आरोप लगाए गए हैं कि यहां पर बंदियों से घर पर फोन करके पैसे मंगवाए जा रहे हैं. अगर वो पैसा नहीं देते तो उनके साथ मारपीट करके उन्हें प्रताड़ित किया जाता है. यही नहीं जेल में उनसे वो काम कराए जाते हैं जो वो नहीं करना चाहते. इस पूरे मामले का खुलासा ऑडियो रिकॉर्डिंग से हुआ, जो  Zee Media द्वारा दिखाया गया. इसके बाद तुरंत प्रशासन हरकत में आया और इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. 


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वहीं जब Zee Media की टीम इस पूरे मामले की पड़ताल करने के लिए लुक्सर जेल पहुंची तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिन्हें आज हम आपको पीड़ितों की जुबानी सुनाएंगे. हमने सबसे पहले इस पूरे मामले में पीड़ितों के वकील से बात की और जानने का प्रयास किया कि आखिर जेल के अंदर से लगाए जा रहे इन आरोपों का आधार क्या है. 


पीड़ित पक्ष के वकील अनीत कुमार सिंह ने बताया कि जिस नंबर से कॉल आई वो जेल का है और जेल के अंदर से ही कॉल करके पैसे मंगवाए जा रहे हैं. दरअसल, ये कोई पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं. इस बार पीड़ित ने हिम्मत दिखाई, जिसके बाद ये सब कुछ सामने आ सका. 


वकील से बात करने के बाद Zee Media की टीम जिला कारागार गौतम बुद्ध नगर पहुंची. वहां पहुंचने के बाद हमारी टीम ने जेलर अरुण प्रताप सिंह से बात करने की कोशिश की तो पता चला कि वो छुट्टी पर हैं. जिसके बाद हमारे संवाददाता बलराम पांडेय ने जेलर अरुण प्रताप सिंह से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि ये आरोप बेहद गंभीर हैं. हम खुद इसकी जांच कर रहे है और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी.


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उसके बाद हमारी टीम उस मेन गेट पर पहुंची जहां पर परिजनों से पैसा लेकर आने को कहा जाता था. वहां पहुंचने के बाद जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बंदी के परिजन उसी फोन नंबर पर फोन करते थे, जिस लैंडलाइन से फोन किया गया था. उसके बाद इसी गेट से पैसा अंदर जाता था, लेकिन इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये जांच के बाद ही पता चलेगा.


इसके बाद हमारी टीम ने वहां पर मौजूद बंदियों से मिलने आए परिजनों से बात की और उनसे जानने की कोशिश की कि क्या उनसे भी पैसे मांगे गए है. इसके बाद बंदियों के परिजनों ने जो बातें बताई उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. परिजनों ने कहा कि यहां पर हर जगह पैसे मांगे जाते हैं. पर्ची बनाने के नाम पर पैसे, सामान पहुंचाने के नाम पर पैसे और मिलने के दौरान वो जो भी पैसे बंदी को देते हैं उसे भी छीन लिया जाता है. यही नहीं परिजनों ने जेल की पर्ची का रेट भी बताया, यहां पर्ची का रेट 50-100 रुपये तय किया गया है. वहीं सामान पहुंचाने के लिए 200 रुपये लिए जाते हैं. 


नोएडा की जिला जेल पर जिस तरह से आरोप लगे हैं और उसके बाद यहां आने वाले कैदियों के परिजनों द्वारा भी जो गंभीर आरोप लगाए गए हैं वो जेल प्रशासन पर सवाल खड़े करते हैं. फिलहाल, जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने जांच के आदेश तो से दिए है, लेकिन परिजनों में अब भी इस बात का संदेह है कि निष्पक्ष जांच होगी भी या नहीं.