Noida News: नोएडा हाई राइज बिल्डिंग से बीते दो दिनों में गिर कर एक 4 साल के बच्चे और एक 21 साल के युवक की मौत हो गई है. ये दोनों मौतें अब यह सवाल खड़ा कर रही है कि क्या यह हादसा था या निर्माण मानकों में हुई लापरवाही का नतीजा है. अगर मानकों की बात करें तो जहां पर ग्रिल 1 मीटर होनी चाहिए वहां कॉस्ट कटिंग के चक्कर में महज ढाई फीट ही बनाई गई है. यह कोई पहला मामला नहीं, जिसमें एक मासूम ने अपनी जान गंवाई हो या फिर एक युवक हादसे का शिकार हुआ हो.


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जानें, क्या है पूरा मामला


शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे नोएडा की हाइड पार्क सोसाइटी में 8वीं मंजिल पर बने फ्लैट की बालकनी से 4 साल का अक्षत गिर गया था. इस हादसे में उसकी मौत हो जाती है, लेकिन अब बिल्डर के कंस्ट्रक्शन पर सवाल उठ रहे हैं. जहां 1 मीटर ऊंचाई की ग्रिल होनी चाहिए थी, वहां केवल ढाई फीट की ग्रिल क्यों लगाई गई और उसके इस कंस्ट्रक्शन के बाद उसका सर्वे और चेकिंग क्यों नहीं किया गया.


एक्सपर्ट की मानें तो नोएडा प्राधिकरण बिल्डिंग बॉयलाज के तहत हाइराइज इमारतों की बालकनी में कम से कम सवा एक मीटर की रेलिंग होनी ही चाहिए. यहां बिल्डरों ने 2.5 फीट की रेलिंग बनाई है. यही हादसे की वजह बन रही है. दूसरे मामले में नोएडा के सेक्टर 100 में बने लोटस बुलवर्ड सोसाइटी में शुक्रवार रात करीब 11 बजे सोसाइटी के 10वें टावर की पहली मंजिल पर बने बालकनी में एक 21 साल का युवक घायल पड़ा हुआ था.


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ये युवक इसी टावर के 8वें फ्लोर पर परिवार के साथ रहता था युवक कैसे गिरा. ये हादसा है या लापरवाही या फिर कुछ और इस मामले की जांच पुलिस कर रही है. नोएडा में सबसे ज्यादा हादसे बालकनी से गिरकर होते हैं. बीते कई महीनों में ऐसे हादसे देखने को मिले हैं जिनमें कई लोग नशे का शिकार होकर बालकनी से गिर जाते हैं. बालकनी में लगी ग्रिल की ऊंचाई ज्यादा न होने और उन्हें गैप भी ज्यादा होने के कारण कई बच्चे भी अपनी जान गंवा चुके हैं.


इसके लिए बिल्डर जो प्लान (एप्रूव नक्शा) भेजता है, उसी के अनुसार निर्माण हुआ है या नहीं, इसे देखकर ही प्राधिकरण कंपलीशन सर्टिफिकेट (सीसी) देता है. इसमें FIR, सेटबैक, कॉमन एरिया और स्ट्रक्चरल ऑडिट, पार्किंग आदि को देखा जाता है. जबकि सुरक्षा मानकों में लिफ्ट और बालकनी की रेलिंग मानकों के मुताबिक है या नहीं इस पर ध्यान नहीं दिया जाता.


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कुछ पुराने मामले हैं जो लापरवाही की कहानी बंया कर रहे हैं, जिनमें 12 जनवरी, 2022 में बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी गांव में घर की बालकनी से गिरकर पांच वर्षीय शिवम की मौके पर ही मौत हो गई थी. 28 नवंबर, 2021 को सेक्टर-75 स्थित डेसनेक सोसाइटी में दसवीं मंजिल की बालकनी से गिरे चार साल के मासूम तवीश की मौत हो गई थी.


29 मई, 2022 को सेक्टर-71 के शिवशक्ति अपार्टमेंट के तीसरी मंजिल की बालकनी से गिरकर तीन साल के मासूम की मौत हो गई थी. 7 नवंबर, 2020 को ग्रेटर नोएडा की सुपरटेक इको विलेज वन सोसाइटी की बालकनी से गिरकर दो साल के मासूम की मौत हो गई थी. कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें संदिग्ध हालात में बालकनी से गिरकर भी मौत हुई है. इनमें 27 जनवरी, 2023 सेक्टर-74 सुपरटेक कैपटाउन के 15वें फ्लोर से युवती की गिर कर मौत हो गई थी.


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19 फरवरी, 2022 को सेक्टर- 74 अजनारा ग्रैंड सोसायटी में 16वीं मंजिल से गिरकर 11 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई. 2 नवंबर, 2021 में सेक्टर- 75 एक महिला की 17वीं मंजिल से संदिग्ध परिस्थितियों में नीचे गिरकर मौत हो गई. 1 जनवरी 2019 5वीं मंजिल पर अपने फ्लैट की बालकनी में फोन पर बात कर रहे एक युवक की नीचे गिरकर मौत हो गई थी.


बालकनी या छज्जे से गिरकर होने वाले हादसों को देखते हुए हाई राइज सोसायटी में रहने वाले लोगों को काफी सजग रहने की जरूरत है और अगर उनके घर में छोटे बच्चे हैं तो उन्हें और भी ज्यादा चिंता करने और सजग रहने की जरूरत है. उपाय के तौर पर छज्जे की ग्रिल या रेलिंग पर जाल लगाए जा सकते हैं. यदि जरूरी हो तो रेलिंग की ऊंचाई को बढ़ाया जा सकता है और उसमे नेट का जाल भी लगाया जा सकता है.


(इनपुटः IANS)