NASA Global Warming Report: दुनिया का तापमान पिछले कई दशकों से बढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से गर्मी अचानक और काफी तेजी से बढ़ी है. ग्लोबल तापमान में आ रहे बदलावों पर नजर रखने वाली अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी इस खतरनाक ट्रेंड को समझा नहीं पा रही.
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Science News in Hindi: दुनिया अचानक और बहुत तेजी से गर्म होने लगी है. पिछले दो साल में, ग्लोबल तापमान का रिकॉर्ड बार-बार टूटा. पृथ्वी के गर्म होने का सिलसिला दशकों पुराना है, लेकिन अभी इसमें जो खतरनाक तेजी आई है, वह वैज्ञानिकों की समझ से परे है. ग्लोबल वार्मिंग पर हमारे सबसे अच्छे वैज्ञानिक अनुमान भी गलत साबित हो रहे हैं. अचानक गर्मी क्यों बढ़ी है? इस सवाल का जवाब अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी- नासा के पास भी नहीं है, जबकि NASA Earth Observatory के जरिए पूरी दुनिया की तापमान विसंगतियों का रिकॉर्ड रखती है.
वैज्ञानिक इस बात पर तो एकमत हैं कि लॉन्ग-टर्म ग्लोबल वार्मिंग के पीछे फॉसिल फ्यूल को जलाना प्रमुख वजह रही है. वे इस पर भी राजी हैं कि प्राकृतिक जलवायु के बदलाव एक साल से दूसरे साल के तापमान को प्रभावित कर सकते हैं. लेकिन वे अभी भी इस बात पर बहस कर रहे हैं कि गर्मी में इस असाधारण चढ़ाव की क्या वजह हो सकती है.
NASA के एक्सपर्ट्स ने भी खड़े कर दिए हाथ
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बादलों के पैटर्न में बदलाव, वायु प्रदूषण और पृथ्वी की कार्बन को स्टोर करने की क्षमता इसके फैक्टर्स हो सकते हैं, लेकिन तस्वीर साफ होने में एक या दो साल और लगेंगे. नवंबर में NASA गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के निदेशक गेविन श्मिट ने कहा था, '2023 में तापमान में वृद्धि किसी भी अन्य वर्ष से कहीं अधिक होगी, और 2024 में भी ऐसा ही होगा.' उन्होंने कहा, 'काश मुझे पता होता कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन मुझे नहीं पता.'
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2023 फिर 2024 ने तोड़ा तापमान का रिकॉर्ड
जब जीवाश्म ईंधन को जलाया जाता है तो कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं जो पृथ्वी की सतह के पास गर्मी को रोकती हैं. 2023 में जीवाश्म ईंधन का उत्सर्जन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. लेकिन जून 2023 और सितंबर 2024 के बीच एक अभूतपूर्व दौर में, भयानक गर्मी बढ़ी. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने कहा कि वैश्विक तापमान पहले कभी नहीं देखा गया था. गर्मी इतनी ज्यादा थी कि यह 2023 - और फिर 2024 - को इतिहास का सबसे गर्म वर्ष बनाने के लिए काफी साबित हुई.
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तापमान में उतनी तेजी से गिरावट नहीं आई जितनी तेजी से बढ़ी, तथा नवंबर 2024 अभी भी रिकार्ड में दूसरा सबसे गर्म महीना रहा. संयुक्त राष्ट्र के जलवायु विशेषज्ञ पैनल IPCC के सदस्य रॉबर्ट वाउटार्ड ने कहा, 'फिलहाल इसे समझाना मुश्किल है. उन्होंने AFP से कहा, 'अगर 2025 में तापमान में और तेजी से गिरावट नहीं आती है, तो हमें वास्तव में इसके कारण के बारे में खुद से सवाल पूछने होंगे.'