Twin Towers Demolition: देश के अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी इतनी उंची इमारत को जमींदोज करने का फैसला लिया गया. 2 बजकर 30 मिनट पर चेतन दत्ता के बटन दबाते ही ट्विन टावर ब्लास्ट हो गया, जिसके बाद नोएडा का ये पूरा इलाका धुएं के गुबार में डूबा नजर आया. टावर गिरने के बाद उठे गुबार को कम करने के लिए एंटी-स्मॉग गन के द्वारा पानी का छिड़काव शुरू कर दिया गया. 



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


दो चरणों में हुआ ब्लास्ट
ट्विन टावर में ब्लास्ट दो चरणों में किया गया. पहले चरण में दोनों टावरों के 20 फ्लोर पर प्राइमरी ब्लास्ट किया गया, इसके बाद दूसरे चरण में 8 फ्लोर में ब्लास्ट किया गया. 


कई बार बदली तारीख
सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2021 तक टावर को गिराने का निर्देश दिया था, उसके बाद 22 मई 2022 को ट्विन टावर में विस्फोट की नई तारीख तय की गई थी. NOC नहीं मिल पाने की वजह से एक बार फिर इसकी डेट को बढ़ाकर 28 अगस्त का दिन निर्धारित किया गया. 


Twin Towers Demolition: एक बटन और ढह जाएगी सबसे बड़ी इमारत, जानें सुरक्षा का फुलप्रूफ प्लान


 


सोक ट्यूब सिस्टम के तहत गिराया गया टावर
ट्विन टावर को गिराने के लिए सोक ट्यूब सिस्टम का प्रयोग किया गया था, जिसमें टावर की सभी इमारतें महज 11 सेंकड में धराशायी हो गईं. बेसमेंट से टावर गिरना शुरू हुआ. 


आस-पास की सोसाइटी को नहीं हुआ कोई नुकसान
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि आस-पास की हाउसिंग सोसाइटी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, कुछ देर में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.



 


नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे खोला गया
ट्विन टावर में ब्लास्ट के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को लगभग 2 बजकर 45 मिनट पर सभी के लिए खोल दिया गया.