Twin Tower: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 अगस्त को सुपरटेक ट्वीन टावरों को विस्फोटकों का इस्तेमाल करके ढहाया गया था और साथ ही मकान खरीदारों को यब आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मकान खरीदने की जमा राशइ ज्लदी ही वापस कर दी जाएगी. इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुपरटेक के टूटे टावरों के 15 मकान खरीदारों को अंतरिम समाधान पेशेवर (Interim Resolution Professional) के जरिये जमा की गए एक करोड़ रुपये से आनुपातिक आधार पर पैसे वापस किए जाए.


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जज डीवाई चंद्रचूड़ और हेमा कोहली की पीठ द्वारा निर्देश दिए गए है कि IRP 8 दिसंबर तक 1 करोड़ रुपये और जमा करें और  15 खरीदारों को पैसे बांटे. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 13 दिसंबर तय की है. बता दें कि कोट घर खरीदारों ने जो याचिकाएं दायर की थी उसके तहत सुनवाई कर रही थी.   


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कोर्ट ने पहले एमकिस क्यूरी गौरव अग्रवाल के दस्तावेजों पर ध्यान दिया गया कि वर्तमान में कंपनी की कॉर्पेरेट दिवाला सामाधान प्रक्रिया सिर्फ सुपरटेक ईको विलेज तक ही सीमित है और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (National Company Law Appellate Tribunal) ने आय का 70 प्रतिशत कहा है जिसका इस्तेमाल रुकी हुई प्रॉजेक्ट के काम को पूरा करने के लिए किया जाएगा और बचा 30 प्रतिशत का कानूनी उद्देश्यों के कामों में खर्च किया जाएगा. 


आपको बता दें कि सुपरटेक लिमिटेड की हर महीने 20 करोड़ रुपये की आमदनी है जिसमें से 15 करोड़ रुपये रुके हुए प्रॉजेक्टस में इस्तेमाल किए जाएंगे वहीं बचा 5 करोड़ कानूनी खर्चों में इस्तेमाल होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने IRP को सख्त निर्देश है कि सबसे पहले घर खरीदारों के दावों को बाकी लेनदारों से अलग करने और उनके पैसे वापस करें जाएं.  सुपरटेक के तत्कालीन मैनेजमेंट ने पहले कोर्ट को बता दिया था कि सिर्प 59 घर खरीदारों को पैसे वापस करने बाकी हैं और बाकी बचे बायर्स को या तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे या फिर कपंनी के बनाए गए फ्लैट में उन्हें ट्रान्सफर कर दिया जाएगा.