Nuh Violence Update: नूंह में 31 जुलाई को ब्रज मंडल शोभा यात्रा के समय हुई हिंसा के बाद आज पहली बार एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने मौके का निरीक्षण किया. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में पूर्व चीफ जस्टिस पटना हाई कोर्ट एंड पूर्व चेयरमैन कैट दिल्ली एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस हरियाणा कैडर राजपाल सिंह,ओपी व्यास, अधिवक्ता एंड पूर्व जॉइंट रजिस्ट्रार(लॉ) NHRC, सीनियर जॉर्नलिस्ट संजीव नायक, अधिवक्ता एंड पूर्व कंसलटेंट NCPCR भावना बजाज का एक दल नूंह के सर्किट हाउस पहुंचा. 


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फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने सबसे पहले नूंह जिले के डीसी एसपी से 31 जुलाई की हिंसा के बारे में पूरी जानकारी ली और फिर उसके बाद क्राइम थाने का निरीक्षण किया और वहां से भी पुरी हिंसा की जानकारी ली. कमेटी नूंह के नलहड़ शिव मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी व अन्य लोगों से बातचीत की. इसके बाद कमेटी सीधा बडकली चौक स्थित बंटी तेल मील पहुंची. जहां 31 जुलाई को हिंसा के बाद तेल मील को आग के हवाले किया गया, वहां से जानकारी लेने के बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी सीधा भादस गांव में हिंसा के समय मृतक सैनी के घर पहुंची और उनके परिवार से बातचीत की.


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इसके बाद कमेटी सर्किट हाउस वापसी वापस आ गई और सर्किट हाउस में कमेटी का इंतजार कर रहे एडवोकेट के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले. हिंसा के समय जिन लोगों का हिंसा के समय नुकसान हुआ उन लोगों से भी कमेटी ने उनकी बातों को सुना. कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि 31 जुलाई को नूंह में हिंसा हुई वह सब हमने दिल्ली में बैठकर देखा. आज उसी हिंसा वाली जगह को हम देखने के लिए आए हैं. यहां पर हमने अधिकारियों से बातचीत की है, इसके बाद हिंसा वाली जगह का भी निरीक्षण किया है और जिन लोगों का हिंसा में नुकसान हुआ है उन लोगों से भी बातचीत की है. उनकी बातों को भी सुना है. इसके अलावा एक एडवोकेट के प्रतिनिधिमंडल से भी बातचीत की गई है. 


फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के अध्यक्ष एल नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि 31 जुलाई की हिंसा में काफी लोगों की संपत्ति का बहुत नुकसान हुआ है इसके अलावा छह लोगों की इस पूरे हिंसा के समय मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि आज हम सभी लोग एक जिम्मेदाा नागरिक संगठन के रूप में यहां पर आए हैं. हमने यहां पर हिंसा वाली जगह का निरीक्षण किया है और अधिकारियों के साथ-साथ लोगों से भी बातचीत की गई है. 


कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन ने शोभायात्रा निकालने से पहले 2 से 3 बार शांति कमेटी के साथ पुलिस की बैठक भी हुई थी. इसके बाद बैठक में पुलिस को बताया गया था कि इस बार यात्रा के समय थोड़ा लोगों में तनाव है, लेकिन पुलिस इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और यह पूरा घटनाक्रम हो गया. कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह से सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल बनाया गया है, वह किसी काम का नहीं है. है घटनाक्रम को 2 महीने का समय हो चुका, लेकिन अभी तक किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का कोई भी मुआवजा नहीं मिला है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि मैने जिले के डीसी को भी इस बारे में फटकार लगाई है. इस तरह की इमरजेंसी के समय लोगों को सरकार की तरफ से सहायता राशि जल्द से जल्द देनी चाहिए थी.


Input: Anil Mohania