कृषि कानून को सरकार द्वारा वापस लेने के आज 1 साल पूरे होने पर किसानों ने इसे विजय दिवस के रूप में मनाया. किसानों ने कहा कि अगर हम ये लड़ाई हार जाते, तो हम अपनी जमीने खो देते
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चंडीगढ: तीनों कृषि कानून को सरकार द्वारा वापस लेने के आज 1 साल पूरे हो गए. 19 नवंबर 2021 को मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए थे. एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य आज अंबाला में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाल कर इसे विजय दिवस के रूप में मनाया. किसानों ने कहा कि उनका यह ट्रैक्टर मार्च खुद के लिए और सभी किसानों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से है कि अभी उनकी लड़ाई पूरी नहीं हुई है.
किसानों ने कहा लड़ाई अभी जारी है
भगत सिंह किसान यूनियन ने ट्रैक्टर मार्च के जरिये अपना शक्ति प्रदर्शन किया. विजय दिवस के अवसर पर किसान नेताओं ने कहा कि हमने अपना खून-पसीना बहा कर यह लड़ाई जीती है. इस लड़ाई में हमारे 700 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं, उनकी शहादत के बदौलत ही हमने यह लड़ाई जीती है. किसान नेताओं ने ये भी कहा कि अगर हम ये लड़ाई हार जाते, तो हम अपनी जमीने खो देते. भले ही कृषि कानून वापस हो गए हो, लेकिन हमारी लड़ाई अभी जारी है. जब तक देश के सारे किसान सुखी नहीं हो जाते तब तक हम अपनी लड़ाई खत्म नहीं करेंगे.
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कृषि कानून
17 सितंबर 2020 को केद्र सरकार ने संसद में खेती से जुड़े कानून को पास किया गया था. जिसमें तीन कृषि कानून शामिल थे.
पहला कानून- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020
दूसरा कानून- कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020
तीसरा कानून -आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020
इन तीनों कानूनों को लागू करने के सरकार के फैसले के खिलाफ किसान अड़ गए थे और किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी. पूरे एक साल के आंदोलन के बाद साल 2021 में सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया.