Palwal News: सफाई व्यवस्था पर हर महीने लगभग 80 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी शहर में जगह-जगह दिखते हैं कूड़े के ढेर
शहर की सफाई व्यवस्था पर हर महीने लगभग 80 लाख रुपए का खर्चा हो रहा है. लेकिन जगह-जगह शहर में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिसका मुख्य कारण शहर में कूड़ा डालने के लिए उचित व्यवस्था न होना है.
Palwal News: शहर की सफाई व्यवस्था पर हर महीने लगभग 80 लाख रुपए का खर्चा हो रहा है. लेकिन जगह-जगह शहर में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिसका मुख्य कारण शहर में कूड़ा डालने के लिए उचित व्यवस्था न होना है. जगह-जगह पर खुले में पड़ा कूड़ा बीमारियों को न्योता दे रहा है. नगर परिषद के द्वारा 9 करोड़ सालाना रुपए इकट्ठे का एक निजी कंपनी को दिया गया है कंपनी का दावा है कि उनके पास 12 ट्रैक्टर ट्रॉली, दो जेसीबी, 120 कर्मचारी और डोर टू डोर कलेक्शन करने के लिए 37 गाड़ियां मौजूद हैं लेकिन उसके बाद भी शहर गंदा है.
पलवल शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारा जा सके इसके लिये नगर परिषद द्वारा एक साल का सफाई का टेंडर निजी कम्पनी को दिया गया है, ताकि डोर टू डोर कलैक्शन कर सहर को साफ़ सुथरा बनाया जा सके. लेकिन प्रतिमाह लगभग 80 लाख रुपये खर्च होने के बावजूद भी शहर की सफाई नहीं हो पा रही है. जगह -जगह कूड़े के ढेर लगे हैं. इसका मुख्य कारण कूड़ा उठाने वाली और साफ सफाई करने वाली कंपनी द्वारा अनियमितता बरतना है. बिना किसी सुनिश्चित योजना के शहर में गलत तरीके से कूड़ा डालने के लिए जगह बना दी गई है.
यहां पर कॉलोनी से इकट्ठा करके कूड़ा डाला जाता है और वहां से जेसीबी के माध्यम से कूड़े को भरकर ट्रैक्टर से बाहर निकाला जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया में कूड़ा उठाने के लिए लोगों को कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है. कॉलोनी के अंदर से कूड़ा निकाल कर तो बाहर डाल दिया जाता है और वहां से कूड़ा उठाने में कई दिन का इंतजार लोगों को करना पड़ता है. इसी के चलते बदबू आसपास के इलाके में फैल जाती है और लोग बीमारियों की चपेट में इस गंदगी के कारण आ रहे हैं. केवल लोग ही नहीं पशु भी खुले में पड़े कूड़े की वजह से बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
पशु कूड़े में खाना ढूंढते हुए नजर आते हैं जिस वजह से उनको भी कई बार मौत तक का सामना करना पड़ता है. रिहायशी इलाकों के साथ गलत तरीके से खुले में बनाए गए इस डंपिंग पॉइंट से लोगों को भारी परेशानियां होती हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि कूड़ा उठाने को लेकर वह कई बार अधिकारियों और नेताओं से शिकायत कर चुके हैं. बार-बार मना करने के बाद भी खुले में कूड़ा इकट्ठा किया जाता है. कई-कई दिन में कूड़े का उठान होता है. कैंप कॉलोनी में तो केवल स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि वहां से निकलने वाले लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल में जाने वाले छात्र हो या फिर कार्यालय में जाने वाले कर्मचारी सभी लोगों को इस बदबू के बीच से होकर निकलना पड़ता है. गंदगी फैलने से आसपास के स्थानीय दुकानदारों को भी परेशानी होती है दुकानदारों ने बताया कि गंदगी के चलते इतना बुरा हाल होता है कि वह दुकान तक नहीं खोल पाते. शहर के आगरा चौक से लेकर बस स्टैंड तक खुलेआम खुले में आग लगाई जा रही है जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं.
Input: Rushtam jakhar