गांव के सिर्फ एक नाम ने सात साल पहले गुम हुए बेटे को मां से मिलाया, जानें पूरा मामला
मां का गुम हुआ लाल का मिलना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.
राकेश भयाना/पानीपत : मां का गुम हुआ लाल का मिलना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 7 साल पहले मानसिक रूप से बीमार बच्चा गुम हो गया था, लेकिन फिर एक दिन करिश्मा हो गया, जिसकी वजह से मां फिर से उसे अपने गले लगा सकी.
सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन पदमा रानी ने बताया कि 2015 में कोर्ट में यह नाबालिग बच्चा लावारिस हालत में मिला था. बच्चे से घर हुए माता-पिता के बारे में पूछताछ की लेकिन कुछ पता नहीं चला. इसके बाद इसे मदर टेरेसा आश्रम में देखरेख के लिए भेज दिया गया.
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पदमा रानी ने बताया कि काफी काउंसलिंग के बाद बच्चे से उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. मंगलवार को जो हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ था. सोशल वर्कर जब काउंसलिंग कर रहे थे तो 7 साल से गुम चल रहे युवक ने अपने गांव का नाम नेवल बताया.
इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग की टीम गठित कर बच्चे की पूरी जानकारी लेने के लिए गांव भेजा गया, जहां उसके पिता से मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि पिता शराब का आदी है. जब उसने बेटे को स्वीकार करने से मना कर दिया, तब मां को जानकारी दी गई. इसके बाद मां अपने जिगर के टुकड़े को पाने के लिए अपने पूरे दस्तावेज के साथ सीडब्ल्यूसी के कार्यालय पहुंची, जहां बेटे को उसके हवाले कर दिया आज वो लड़का बालिग हो चुका है.
मदर टेरेसा संस्था में काम कर रही सोशल वर्कर रश्मि ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान विजय ने अपने गांव का नाम नेवल बताया. आज बड़ी खुशी हो रही है कि विजय को अपने परिवार मिल गया. विजय की मां मीना ने बताया कि 7 साल पहले बच्चा गुम हो गया था। काफी तलाश की सोशल मीडिया पर भी बच्चे की गुम होने की सूचना दी, लेकिन कुछ नहीं पता चला. इसके पिता काम पर नहीं जाते थे और शराब पीने के आदी थे. मुझे घर से निकाल दिया, लेकिन आज बेटे को गले लगाकर बड़ी खुशी हो रही है