Organic Farming Tips: केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक लाभकारी योजनाएं चला रही है. जिसे किसान उन योजनाओं का लाभ उठाकर आय दोगुनी कर रहे हैं. केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा अनेक स्कीमों के तहत किसानों को खेती के करने वाली मशीनों पर सब्सिडी भी देती है. इन बेहतरीन योजनाओं से पढ़े-लिखे युवा भी खेती को व्यवसाय की तरह अपना रहे हैं.


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किसान ने प्राकृतिक खेती के कमाया लाभ
ऐसे ही एक पानीपत जिले के गांव नंबरी के युवा किसान विक्की मलिक जिन्होंने ग्रेजुएट के साथ डिप्लोमा मैकेनिकल में करने के बावजूद भी चाचा के नक्शे कदम पर चलते हुए कृषि को व्यवसाय को अपनाया. इसे अपनाकर अच्छा लाभ उठा रहे हैं. विक्की मलिक पिछले 4 साल से नई तकनीक के माध्यम से प्राकृतिक खेती कर अच्छा लाभ ले रहे हैं. दूसरे किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.


खीरा, टमाटर, भिंडी, घीया व तरबूज की ऑर्गेनिक खेती उठाया लाभ
विक्की मलिक ने बताया की पिताजी CISF में इंस्पेक्टर है और चाचा खेती करते थे. चाचा से प्रेरित होकर उन्होंने खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाकर प्राकृतिक खेती करनी शुरू की. उन्होंने बताया कि खीरा, टमाटर, भिंडी, घीया व तरबूज की ऑर्गेनिक खेती कर अच्छा लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्टैकिंग के जरिये खेती कर सब्सिडी का काफी लाभ उठाया. वहीं उन्होंने मल्चिंग  खेती में भी सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं.


विक्की ने कहा कि सरकार की सब्सिडी देने की योजनाएं लाभकारी हैं, लेकिन अधिकारियों और अफसरों द्वारा किसानों तक योजनाओं की जानकारी व सब्सिडी नहीं पहुंचाई जाती है. जिससे किसानों को नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसान आयोग बनाना चाहिए जोकि अफसरों पर नजर रखे. इंडो ताइवान ट्रेनिंग के दौरान पॉलीहाउस, पोलिनेट और जिस तरह से नर्सरी तैयार करने की नई टेक्निक देखी उसको अपनी खेती में प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आजकल जिस प्रकार से फसलों में बीमारी फैल रही है उससे बचने के लिए प्राकृतिक खेती ही आसान उपाय है. सरकार द्वारा बजट में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया है. यह एक अच्छी पहल है. 


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70 से 75 हजार रुपये का खर्च करके कमाए 2 लाख
किसानों से अपील करते हुए विक्की ने कहा कि सभी किसानों को प्राकृतिक खेती करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि 1 एकड़ में ऑर्गेनिक खेती का लगभग 70 से 75 हजार रुपये का खर्च आता है. अगर मौसम अनुकूल रहे तो 2 लाख से अधिक आय होती है. उन्होंने बताया कि अपनी फसल की खुद मार्केटिंग करता हूं और कुछ जो फसल बच जाती है, उसे मंडी में जाकर बेचता हूं. उन्होंने किसानों से अपील की कि अपनी फसल की किसानों को खुद मार्केटिंग करनी चाहिए.


घीया, खीरा और टमाटर के साथ शिमला मिर्च उगाने से होगा लाभ
साथ ही उन्होंने बताया कि वह तरबूज की 5 तरह की किस्में उगाते हैं. विक्की ने कहा कि दूसरे किसान गेहूं और जीरी से हटकर दूसरी तरह की खेती करें. अगर किसान अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं तो इंटर क्रॉपिंग पर काम करनी चाहिए. उदाहरण देते हुए बताया कि घीया, खीरा और टमाटर के साथ शिमला मिर्च उगानी चाहिए, इससे किसानों की आय में इजाफा होगा.


जागरूक किसान उठा सकता है योजनाओं का लाभ
उन्होंने कहा की कृषि विज्ञान केंद्र से समय-समय पर निरीक्षण करते हैं और सलाह देते हैं. वहीं विक्की अनेक प्रकार के फलों की सब्जी भी खेत में उगाते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ राजवीर गर्ग ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की कृषि से संबंधित बहुत सी योजनाएं हैं. जो किसान जागरूक होगा वही सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकता है. अधिकारी ने बताया कि सरकार की ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिसमें सरकार के लक्ष्य पूरे नहीं होते, लेकिन लाभ उठाने वाले किसान सामने नहीं आते हैं. 


किसान को सरकार दे रही 80% सब्सिडी
उन्होंने बताया कि पॉलीहाउस, नेशनल प्लांटिंग मेटीरियल, नया बाग फूलों की खेती के साथ फसल अवशेष प्रबंधन 80%  पर मशीनें किसानों को दी जा रही है. किसान को सरकार 80% सब्सिडी देकर नाम मात्र पैसे लेती है. मेरा पानी मेरी विरासत किसानों को लाभ दिया जाता है .
डॉ राजबीर ने बताया कि सीधी बिजाई में भी सरकार किसानों को पैसा देती है. उन्होंने बताया कि इन सभी योजनाओं का किसान पर निर्भर करता है कि वह कैसे लाभ उठा  सकता है. अधिकारी ने कहा कि बहुत से किसानों ने योजनाओ का लाभ उठाकर फायदा कमाया है.


स्किम का लाभ उठाने के लिए किसान करें ऑनलाइन अप्लाई
किसानों से अपील की कि ऑनलाइन स्कीमों का लाभ लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अगर किसी प्रकार की कमी होगी तो अधिकारी उसकी पूर्ति खुद करेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों को स्कीमों की जानकारी होनी बहुत जरूरी है. डॉ राजवीर गर्ग ने बताया कि खेती की नई तकनीक की जानकारी के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही केम्पों में लिटरेचर भी बांटा जाता है. कृषि विभाग के पास सामुदायिक रेडियो स्टेशन है जिस पर लगातार रेडियो के माध्यम से बातचीत चलती रहती है. अधिकारी ने यह भी बताया कि पानीपत में बहुत से किसानों ने सब्जी के क्षेत्र में अच्छा काम कर प्रगतिशील किसान बने हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से किसानों ने धान की फसल छोड़कर सब्जी की खेती को अपनाया है.


Input: राकेश भयाना