इस वर्ल्ड फेमल मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को होगा. यह मंदिर का निर्माण बीएपीएस (BAPS) स्वामीनारायण संस्था करवा रही है. यह संस्था दुनियाभर में 1,100 से अधिक हिंदू मंदिरों का निर्माण करने के लिए जानी जाती है. दिल्ली में मौजूद अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने ही किया था.
संयुक्त अरब अमीरात में मंदिर बनना भारत के साथ गहरे संबंध का दिखाता है. वहीं इसी के साथ यह दोनों देशों के हिंदू समुदायों के लोगों के लिए यह काफी महत्व रखता है. आम लोगों के लिए ये मंदिर 18 फरवरी 2024 को खेला जाएगा. वहीं इस मंदिर का निर्माण 700 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है.
यह मंदिर भारतीय प्राचीन निर्माण शैली का एक अद्भुत उदाहरण है. मंदिर को 27 एकड़ की जमीन पर बनाया है, जिसमें 13.5 एकड़ मंदिर का हिस्सा है. वहीं बाकी का हिस्सा 13.5 एकड़ में पार्किंग एरिया है. मंदिर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बनाया गया है. वहीं यह मंदिर रेत के शहर हिंदू संस्कृति, संस्कार और श्रद्धा के संगम है.
अगस्त 2015 में भारत के प्रधानमंत्री मोदी यूएई के दौरे पर गए थे, उस समय इस मंदिर को निर्माण करने के अनुमति मिली थी. वहीं यह दौरा 34 वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा था. इसी के साथ एक खास बात और हैं. अब तक पीएम मोदी 6 दौरे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के कर चुके हैं और अब यह उनका सातवाम दौरा है. यह दौरा और मंदिर का निर्माण दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंध को दिखाता है. आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच 2022-23 में 84.5 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था. इस समय भारत का यूएई तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी है.
मंदिर में नक्काशीदार शिलाएं हैं जो कि भरतपुर से लाई गई हैं. इसी के साथ ही मंदिर में कल्प वृक्ष का निर्माण भी किया गया है, जो कि जीवन, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है. वहीं यहां पर डोम ऑफ पीस और डोम ऑफ हॉर्मनी भी यहां बनाए गए हैं, जो कि शांति और सद्भाव का संदेश देते हैं. मंदिर में कुल मिलाकर 96 स्तंभ हैं, जो कि इसकी भव्यचा को दर्शाते हैं. खंड में स्वामी नारायण के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.