Chanakya Niti: किसी से दोस्ती करने से पहले जान ले आचार्य चाणक्य की ये बातें, वरना पछताएंगे!

Chanakya Niti: मौर्य साम्राज्य के समकालीन आचार्य चाणक्य की बातें आज भी लोगों के लिए काफी प्रासंगिक नजर आती हैं. जीवन की बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार पाने के लिए आप आचार्य चाणक्य की बताई बातों का अनुसरण करके जीवन में सफलता पा सकते हैं. ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, उन्हीं महान चाणक्य की बताई हुई कुछ नीतियों को, जो आपकी काफी मदद कर सकते हैं.

प्रिंस कुमार Sun, 28 Jul 2024-7:23 pm,
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आत्मनिर्भरता के बारे में क्या बोले आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि इंसान को ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए. जैसे सीधे पेड़ पहले काटे जाते हैं, वैसे ही ईमानदार लोग भी पहले ही काटे जाते हैं.

 

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शिक्षा के महत्व पर आचार्य चाणक्य की बातें

आचार्य चाणक्य ने शिक्षा के बारे में बताया कि शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है. एक शिक्षित व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है. शिक्षा सुंदरता और यौवन को मात देती है.

 

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योजना और रणनीति के बारे में क्या बताए आचार्य चाणक्य

"कोई काम शुरू करने से पहले, हमेशा अपने आप से तीन प्रश्न पूछें - मैं यह क्यों कर रहा हूं, परिणाम क्या हो सकते हैं, और क्या मैं सफल होऊंगा? जब आप गहराई से सोचें और इन सवालों के संतोषजनक उत्तर पाएं, तभी आगे बढ़ें."

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दोस्ती के बारे में क्या बोले

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर दोस्ती के पीछे कोई न कोई स्वार्थ होता है. बिना स्वार्थ के कोई दोस्ती नहीं होती. यह एक कड़वा सच है.

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धन प्रबंधन के बारे में क्या बोले चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने कहा कि आपको दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए. आप उन सभी गलतियों को स्वयं करने के लिए पर्याप्त समय तक जीवित नहीं रह सकते.

 

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भय पर क्या बोले आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने कहा कि जैसे ही भय निकट आए, उस पर आक्रमण करके उसे नष्ट कर दो. क्योंकि इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन भय और डर ही होता है.

 

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दुश्मनों से निपटने के बारे में आचार्य चाणक्य की सीख

आचार्य चाणक्य ने बताया कि व्यक्ति को बहुत सीधा नहीं होना चाहिए. जाकर जंगल देखना चाहिए, सीधे पेड़ काट दिए जाते हैं और टेढ़े-मेढ़े पेड़ खड़े रह जाते हैं.

 

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दूसरों के साथ के बारे में क्या बोले चाणक्य

चाणक्य कहते हैं कि "मनुष्य अकेले पैदा होता है और अकेले ही मर जाता है. वह अपने कर्मों के अच्छे और बुरे परिणामों को अकेले ही भोगता है और वह अकेले ही नरक या परमधाम जाता है." ऐसे में चाणक्य कहना चाहते हैं कि आपको खुद पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

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चाणक्य ने आत्म-अनुशासन के बारे में क्या बताया?

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कोई काम शुरू करने से पहले, हमेशा अपने आप से तीन प्रश्न पूछें- मैं यह क्यों कर रहा हूं? इसका परिणाम क्या हो सकते हैं? और क्या मैं सफल होऊंगा? केवल तभी जब आप गहराई से सोचें और संतोषजनक उत्तर पाएं इन प्रश्नों के लिए, आगे बढ़ें.

 

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कृपया ध्यान दें

कृपया ध्यान दें, यह खबर इंटरनेट मीडिया से जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी विषय में अधिक जानकारी के लिए आपको विशेषज्ञ से सहायता लेने की सलाह दी जाती है.

 

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