Chankaya Niti: शादी के बाद एक महिला पर पति और उसके पूरे परिवार की खुशियों की जिम्मेदारी होती है. इस कारण, एक विवाहित महिला को हर कार्य को बहुत सोच-समझकर करना चाहिए. माना जाता है कि यदि पत्नी गुणी हो, तो वह एक गलत दिशा में जाने वाले व्यक्ति को भी सही मार्ग पर ला सकती है और उसकी असफलताओं को सफलताओं में बदलने की क्षमता रखती है. इसके विपरीत, अगर पत्नी का स्वभाव अनुचित हो, तो इसका नकारात्मक प्रभाव परिवार के प्रत्येक सदस्य पर पड़ सकता है. यहां तक कि पति भी जीवन में कभी सुख का अनुभव नहीं कर पाता.
महान दार्शनिक और कूटनीतिक आचार्य चाणक्य ने अपने नीतियों के संग्रह "चाणक्य नीति" में भी इस विषय पर चर्चा की है कि अगर पत्नी के स्वभाव में पतनकारी गुण हों, तो उसे छोड़ देना ही उचित होता है. खराब पत्नी की पहचान कुछ लक्षणों से की जा सकती है, जो कुछ इस प्रकार हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार, ऐसी पत्नी को त्यागना सही माना गया है, जिसकी वाणी पर उसका नियंत्रण न हो और जो कठोर शब्दों का प्रयोग करे. ऐसे लोग बिना सोचे-समझे कुछ भी कह देते हैं, जिससे बड़ी हानि हो सकती है, और वो दूसरों की भावनाओं की परवाह नहीं करते.
गुस्सा इंसान की सामान्य प्रकृति है, लेकिन जब कोई इससे अत्यधिक प्रभावित होता है, तो वह अपने आसपास के लोगों के जीवन को भी कष्ट में डाल देता है. आचार्य चाणक्य का कहना है कि जिस पत्नी का स्वभाव गुस्से वाला हो, उसे अपने और अपने परिवार की खुशियों के लिए छोड़ देना ही सही होता है.
घर में अशांति फैलाने वाली पत्नी के साथ जीवन कभी सुखी नहीं हो सकता. उसके इस स्वभाव का प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ सकता है, क्योंकि ऐसी महिलाएं अपने बच्चों को भी अच्छे संस्कार नहीं दे पातीं.
चाणक्य नीति के अनुसार, एक महिला को तभी अच्छी पत्नी माना जाता है जब वह अपने कर्म, धर्म और वचन में शुद्ध हो. उसे यह समझ होनी चाहिए कि उसकी बोली गई बातों और किए गए कार्यों का क्या प्रभाव होगा. उसे घर को अच्छी तरह और कम साधनों में भी चलाने की क्षमता होनी चाहिए, और साथ ही वह अपने पति से प्रेम करे और हर सुख-दुख में उसका साथ दे.
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