Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार, मुसिबत में धन, स्त्री या खुद की करनी चाहिए रक्षा

Chanakaya Niti: चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, उनके उपदेश आज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियां जीवन के हर मोड़ पर काम आती हैं. इनकी नीतियों में बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल छिपा हुआ होता है. ऐसे में आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई कुछ प्रमुख नीतियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

प्रिंस कुमार Sun, 04 Aug 2024-7:46 pm,
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हमेशा करें अपनी रक्षा

किसी भी व्यक्ति को हमेशा अपने आत्म-संरक्षण की चिंता करनी चाहिए. चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हर जगह पर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा अपनी रक्षा करनी चाहिए.  

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माता को यशोदा के समान होना चाहिए

चाणक्य के अनुसार माता को यशोदा के समान होना चाहिए, जो अपने बच्चे को सही मार्गदर्शन दे सके. साथ ही बच्चे को भी अपने माता-पिता की इज्जत करनी चाहिए.

 

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अर्थहीन व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं होता

अर्थहीन और धनहीन व्यक्ति का समाज में कोई सम्मान नहीं होता, चाहे वह कितना भी गुणी क्यों न हो. ऐसे में व्यक्ति को हमेशा अपनी प्रासंगिक्ता को बनाकर रखनी चाहिए. 

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जिसे कर्म की चिंता है, उसे फल की चिंता नहीं होती

जो व्यक्ति अपने कर्म पर ध्यान देता है, वह फल की चिंता नहीं करता. श्री कृष्ण ने भी कहा है कि इंसान को  कर्म पर ध्यान देना चाहिए न कि उसके फल पर.

 

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चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी कष्ट या आपातकाल में बचाव के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए और धन खर्च करके भी स्त्रियों की रक्षा करनी चाहिए, परंतु स्त्रियों और धन से भी अधिक जरूरी यह है कि व्यक्ति अपनी खुद की रक्षा करे.

आपदर्थे धनं रक्षेद् दारान् रक्षेद्धनैरपि। आत्मानं सततं रक्षेद् दारैरपि धनैरपि ।।

 

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ध्यान दें

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