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Namak Haram ki Haveli: दिल्ली में यहां है 'नमक हराम की हवेली', जानें इसकी रोचक कहानी

Delhi History: पुरानी दिल्ली को असली दिल्ली माना जाता है, जहां की हवेलियां और इमारतें मुगल काल से लेकर अंग्रेजों के समय की गाथाएं सुनाती हैं. आज हम एक ऐसी ही हवेली की कहानी बताते हैं, जो चांदनी चौक में स्थित है. इसे लोग 'नमक हराम की हवेली' के नाम से जानते हैं. यह नाम सुनते ही मन में 'गद्दार' आता है. आइए जानते हैं कि हवेली का नाम  'नमक हराम की हवेली' क्यों पड़ा. 

Namak Haram ki Haveli

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Namak Haram ki Haveli

Namak Haram ki Haveli: नमक हराम की हवेली दिल्ली के चांदनी चौक के कूचा घसीराम गली में स्थित है. इसका नाम 'नमक हराम' इसलिए पड़ा क्योंकि इसके मालिक भवानी शंकर खत्री ने 19वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेजों का साथ दिया था. भवानी शंकर खत्री पहले इंदौर के महाराजा यशवंतराव होलकर के वफादार थे, लेकिन बाद में उन्होंने अंग्रेजों को होलकर और मराठा सेना की खुफिया जानकारी दी. यही कारण है कि लोग खत्री को गद्दार मानते हैं और उनकी हवेली को 'नमक हराम की हवेली' कहने लगे थे.   

 

Namak Haram ki Haveli History

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Namak Haram ki Haveli History

Namak Haram ki Haveli History: कहानी 18वीं सदी की है. 1803 में पटपड़गंज के इलाके में मराठा यशवंतराव होलकर और अंग्रेजों के बीच एक बड़ी लड़ाई हुई. इस लड़ाई में भवानी शंकर खत्री ने अंग्रेजों का साथ दिया, जिससे मराठा सेना को हार का सामना करना पड़ा. अंग्रेजों ने भवानी शंकर खत्री की गद्दारी से खुश होकर उन्हें चांदनी चौक में एक शानदार हवेली इनाम में दी.   

 

How Namak Haram Ki Haveli get its name

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How Namak Haram Ki Haveli get its name

How Namak Haram Ki Haveli get its name: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, जब दिल्ली के लोग अंग्रेजों के खिलाफ उठ खड़े हुए, तब से इस हवेली का नाम 'नमक हराम की हवेली' पड़ गया. यह नाम उस समय के गद्दारी के प्रतीक के रूप में स्थापित हो गया. यह हवेली आज भी इतिहास के उस काले अध्याय को दर्शाती है, जिसे लोग भुला नहीं पाए हैं.   

 

Chandni Chowk Haveli

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Chandni Chowk Haveli

Chandni Chowk Haveli: चांदनी चौक में स्थित इस हवेली में आज भी कई किराएदार रहते हैं. ये लोग कई दशकों से यहां रह रहे हैं. मजेदार बात यह है कि यहां रहने वाले लोगों को नाम मात्र का किराया देना पड़ता है. जानकारी के अनुसार, यहां का किराया आज भी मात्र पांच-दस रुपये ही है.   

 

Bhawani Shankar Khatri

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Bhawani Shankar Khatri

Bhawani Shankar Khatri: हवेली के मालिक ने 200 साल पहले जो गद्दारी की थी, उसके दाग आज भी इस हवेली से नहीं मिटे हैं. यह हवेली न केवल एक ऐतिहासिक स्थल है बल्कि यह दिल्ली के लोगों के लिए एक चेतावनी भी है कि गद्दारी का परिणाम हमेशा गंभीर होता है. आज भी लोग इस हवेली के सामने से गुजरते समय उस गद्दारी की गाथा को याद करते हैं.  

 

Chandni Chowk Haveli Historical Significance

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Chandni Chowk Haveli Historical Significance

Chandni Chowk Haveli Historical Significance: नमक हराम की हवेली पुरानी दिल्ली की एक महत्वपूर्ण पहचान है. यह न केवल एक वास्तुकला का नमूना है, बल्कि यह इतिहास के एक काले अध्याय की भी कहानी सुनाती है. इसके माध्यम से हम यह सीख सकते हैं कि इतिहास को भुलाना आसान है, लेकिन उसके दाग हमेशा हमारे साथ रहते हैं.