Delhi News: सोमवार 1 जुलाई को लोकसभा में कांग्रेस राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहला भाषण दिया. वहीं उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी दिखाकर की. जब राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाई और हिंदुओं पर बयान दिया तो सत्ता पक्ष ने इसका जमकर विरोध किया. इतना ही नहीं यहां पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को भी रूल बुक का हवाला देते हुए राहुल गांधी को याद दिलाना पड़ा की संसद में किसी तरह प्लेकार्ड या तस्वीर को नहीं दिखाया जा सकता है.
सोमवार को संसद में नेता प्रतिपक्ष के भगवान शिव की तस्वीर दिखाने और हिंदुओं पर दिये बयान का सत्ता पक्ष ने जमकर विरोध किया. यहां तक की स्पीकर ओम बिरला ने भी लोकसभा की रूल बुक का हवाला राहुल गांधी को दे दिया. उन्होंने कहा कि संसद में किसी भी तरह के तस्वीर को नहीं दिखाया जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों?
बता दें कि लोकसभा के रूल बुक का पूरा नाम ‘रूल ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट बिजनेस इन लोकसभा' है. वहीं इसके सेक्शन 349 से 353 तक उन बातों के बारे में बताया गया है, जिसको ध्यान में रखते हुए ही सदस्य को सदन में बैठना होता है.
संसद के कार्यवाही के दौरान इन नियमों का रखना पड़ता है ध्यान, 349(1)- संसद के कार्यवाही के समय कोई भी सदस्य किसी तरह का किताब, अखबार या पत्र नहीं पढ़ सकता है. यह नियम उन किताबों पर लागू है, जिनका संसद के कार्यवाही से कोई लोना देना न हो.
349(2)- इस धारा के अनुसार, संसद में किसी भी सदस्य के बालते वक्त शोर मचाना या किसी तरीके का बाधा नहीं डाल सकते हैं. 349(5) के अनुसार, संसद में अध्यक्ष जिस समय सदन को संबोधित कर रहा हो उस समय बाहर नहीं जा सकते हैं. धारा 349(6) के अनुसार, बालते समय अध्यक्ष को हमेशा संबोधन करना होता है.
धारा 349(8) के अनुसार, संसद में जब नहीं बोल रहे हों तो उस समय शांति बनाकर रखें. 349(16) के अनुसार, संसद में कोई भी सदस्य किसी तरह का झंडा, प्रतीक या कोई भी चीज प्रदर्शित नहीं कर सकता है.
धारा 352 (1) के अनुसार, संसद में ऐसे किसी भी मामले का जिक्र नहीं कर सकते हैं, जिसपर कोर्ट का फैसला आना बाकी हो. 352 (2) के अनुसार, किसी भी अन्य सांसद पर आप किसी तरह का पर्सनल अटैक नहीं कर सकते हैं. 352 (6) के अनुसार, सदन में चर्चा के समय राष्ट्रपति के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. 352(7) के अनुसार, संसद में देशद्रोही बातें भी सदस्य नहीं कर सकते हैं.