Delhi Gates History: राजधानी दिल्ली में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिनका दीदार करने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग दिल्ली आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों के साथ ही यहां के दरवाजें भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इसमें इंडिया गेट, कश्मीरी गेट सहित कई नाम शामिल हैं.
दिल्ली के इंडिया गेट का नामऑल इंडिया वॉर मेमोरियल है, जिसका निर्माण प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे अंग्रेज-अफगान युद्ध में शहीद हुए एंग्लो इंडियन जवानों की याद में कराया गया था.
दिल्ली के सबसे प्राचीन दरवाजों में से एक तुर्कमान गेट रामलीला मैदान के पास स्थित है. इस दरवाजे का नाम सूफी संत तुर्कमान बयाबानी के नाम पर रखा गया है.
लाल किले के पास बने कश्मीरी गेट का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था. इसका इस्तेमाल दिल्ली से कश्मीर जाने के लिए किया जाता था.
मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 में दिल्ली गेट का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद नमाज अदा करने जाने के लिए इस दरवाजे का इस्तेमाल किया जाता था.
यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास स्थित है. यह पुरानी दिल्ली शहर की चारदीवारी का पांच में से एक दरवाजा है.
लाहोरी गेट लाल किले का पश्चिमी द्वार है. लाहौर की ओर खुलने की वजह से इसका नाम लाहोरी गेट रखा गया.