अक्सर भारत में सर्दियों के मौसम में बारिश देखने को मिलती है. दिसंबर के महीने में दिल्ली एनसीआर सहित कई क्षेत्रों में बारिश का असर देखने को मिला. वहीं 6 जनवरी को भी बारिश पड़ने की संभावना है. ठंड में बारिश का मतलब होता है कि मौसम में परिवर्तन आ रहा है.
भारत में सर्दियों में बारिश का होना अनियमित है और यह मानसून से अलग होता है. इसका मुख्य कारण उत्तर पश्चिम से आने वाली हवाएं हैं, जिन्हें वेस्टर्न डिस्टर्बेंस या पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है. ये हवाएं भूमध्य सागर से आती हैं और वायुमंडल में दबाव बनाती हैं, जिससे बारिश के हालात बनते हैं.
सर्दियों में बारिश का तापमान पर गहरा असर होता है. हिमालय के क्षेत्रों में बर्फबारी से उत्पन्न ठंडक का प्रभाव मौदानी क्षेत्रों में भी महसूस होता है. बारिश से उत्तर और मध्य भारत में तापमान में गिरावट आती है और हवा में नमी बढ़ती है. यह दोनों ही कारक मिलकर ठंड को बढ़ाते हैं. बारिश का असर इस बात पर भी निर्भर करता है कि पहले से ठंड कितनी थी. यदि बर्फीले क्षेत्रों में बारिश होती है, तो ठंड में कमी आ सकती है. वहीं, अधिक ठंड वाले क्षेत्रों में बारिश का पानी तापमान को बढ़ाने में मदद कर सकता है. यह स्थिति उत्तर भारत में अधिकतर देखने को मिलती है.
बारिश का एक महत्वपूर्ण प्रभाव कोहरे का बढ़ना होता है. उत्तर भारत में बारिश होने से हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे कोहरा बढ़ सकता है. वहीं, जिन क्षेत्रों में पहले से कोहरा है, वहां बारिश कोहरा कम करने में मदद कर सकती है. दिल्ली एनसीआर जैसे क्षेत्रों में बारिश का एक और लाभ यह है कि यह प्रदूषण को कम करने में सहायक होती है. सर्दियों में बारिश हवा से प्रदूषकों को धोकर बाहर निकाल देती है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलता है. खासकर दिल्ली जैसे शहरों में, जहां सर्दी में धुंआ और प्रदूषण बढ़ता है, वहां बारिश से स्थिति में सुधार होता है.
हालांकि, सर्दियों में बारिश भी कुछ चुनौतियां लेकर आती है. जैसे, सड़क पर फिसलन, यात्रा में बाधाएं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं. इसलिए, हमें सर्दियों में बारिश के दौरान सतर्क रहना चाहिए. इस प्रकार, सर्दियों में बारिश का प्रभाव व्यापक है. यह न केवल मौसम को प्रभावित करता है, बल्कि हमारे जीवन के अन्य पहलुओं पर भी असर डालता है. इसलिए, हमें इस मौसम के दौरान अपनी तैयारियों को ध्यान में रखना चाहिए.
उत्तर भारत में सर्दियों में बारिश का शीत लहर पर सीमित असर होता है. हिमालय पर बर्फबारी होने पर शीत लहर चलती है. यदि बारिश होती है, तो यह कुछ हद तक ठंडक को बढ़ा सकती है, लेकिन इसे समाप्त नहीं करती. सर्दियों में बारिश ठंडक को बढ़ाने का काम करती है. हालांकि, यह ठंडक को कम करने में दुर्लभ है. बारिश से हवा में नमी और ठंडक बढ़ जाती है, जिससे प्रदूषण में कमी का अनुभव होता है. इस प्रकार, बारिश का मौसम में सकारात्मक प्रभाव होता है.