Dussehra 2024 Date: द्वारका श्री रामलीला कमेटी के आयोजकों ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी को पुतला दहन के लिए आमंत्रण भेजा गया है. उनका कहना है कि इस पुतले के माध्यम से सनातन विरोधियों को ये संदेश दिया जाएगा कि पाप चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, लेकिन उसका अंत निश्चित है.
देशभर में दशहरा (विजयदशमी) का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. राजधानी के कई हिस्सों में रामलीला कमेटियों ने दशहरा मेले की तैयारियां पूरी कर ली है. इसी क्रम में द्वारका इलाके के सेक्टर 10 स्थित रामलीला मैदान में इस बार दुनिया के सबसे बड़े रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. इसकी ऊंचाई 211 फीट है. रामलीला सोसायटी ने पुतला दहन के लिए पीएम को निमंत्रण भेजा है. पहले भी दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रामलीला मैदान में पुतला दहन के लिए आ चुके हैं.
द्वारका श्री रामलीला कमेटी के आयोजक राजेश गहलोत ने बताया कि जिस तरह से देश दुनिया में सनातन धर्म को लेकर वातावरण खराब करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे सनातन विरोधियों को रावण के पुतले के माध्यम से ये संदेश दिया जाएगा कि पाप चाहे कितना भी बड़ा और ऊंचा क्यों न हो, लेकिन उसका अंत हर हाल में होता है.
द्वारका श्री रामलीला कमेटी के आयोजक ने बताया कि द्वारका सेक्टर 10 स्थित हर साल रामलीला मैदान में रामलीला का भव्य आयोजन किया जाता है. दूर-दूर से लोग यहां का मेला देखने के लिए आते हैं. इस बार का रावण का पुतला बेहद खास है, क्योंकि ये 211 फीट ऊंचा बनाया गया है.
राजेश गहलोत ने बताया कि अंबाला और एनसीआर से आए 40 कलाकारों ने चार महीने में इस पुतले को बनाया है. इसे बनाने में 30 लाख रुपये का खर्च आया है. रामलीला मैदान में खड़े इस पुतले को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं और रावण के साथ सेल्फी ले रहे हैं.
गहलोत ने बताया कि पुतले का ढांचा पहले लोहे से तैयार किया गया फिर इसके ऊपर बांस और मखमली कपड़े का इस्तेमाल किया गया. रावण का चेहरा बेहद सुंदर और मजबूती से बनाया गया है. मैदान में पुतले को खड़ा करने के लिए चार बड़ी क्रेन की सहायता ली गई. श्री रामलीला कमेटी के सदस्य दिशांत कपिल और संजीव गोयल ने दिल्लीवासियों से मेले में आने की अपील की है.