Dussehra: नोएडा के इस गांव में भगवान शिव ने रावण को दिया था 10 सिर का वरदान, नहीं मनाया जाता दशहरा
Dusshera 2024: दशहरे के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. पूरे उत्तर भारत में दशहरे का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला जलाया जाता है और रामलीला का मंचन होता है. मगर आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के एक गांव में ऐसा कुछ नहीं होता.
Dussehra Not Celebrated in Bisrakh Village:
Dussehra Not Celebrated in Bisrakh Village: पूरे उत्तर भारत में दशहरे का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला जलाया जाता है. मगर ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में दशहरा और रामलीला का मंचन भी नहीं होता. ऐसा कहा जाता है कि जो भी यहां इस परंपरा के विपरीत जाने का प्रयास करता है तो उसका सर्वनाश हो जाता है.
Dussehra Ravan Dahan Story:
Dussehra Ravan Dahan Story: बिसरख गांव के लोगों का मानना है कि यहां रावण का जन्म हुआ था, इसलिए यहां रावण दहन नहीं होता है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि एक व्यक्ति ने यहां रावण के पुतले को जलाने का प्रयास किया तो उसका घर खंडहर हो गया था.
Ravan Shivji Story
Ravan Shivji Story: बिसरख गांव में रावण का मंदिर है. इस मंदिर में रावण के पिता ऋषि विश्वश्रवा ने अष्टकोणीय शिवलिंग की स्थापना की थी. यहां रावण और उनके भाई कुबेर इस शिवलिंग की पूजा करते थे.
Noida Ravan Temple
Noida Ravan Temple: मंदिर के महंत की मानें तो रावण ने शिवजी की तपस्या करते हुए इस शिवलिंग पर ही अपने सिरों को अर्पित किया था. तभी शिवजी ने उन्हें 10 सिर का वरदान दिया था.
Ravan Temple
Ravan Temple: यहां के रहने वाले लोगों की मानें तो दूर-दूर से लोग यहां अपनी इच्छा पूर्ति के लिए आते हैं. इस मंदिर में मांगी गई सभी इस्छाएं पूरी होती है.