Holi 2023: 'होली का रंग अपनों के संग' इसी महत्व को ध्यान में रखकर होली का त्योहार मनाया जाता है. पूरे देशभर में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक-दूसरे को रंग लगाकर गले भी लगाते हैं. वैसे तो होली का त्योहार 8 मार्च को है, लेकिन होली की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. सिरसा के बाजारों में दुकानदार अपनी दुकाने होली के रंगों और पिचकारियों से सजा रहे है. ग्राहक भी बड़े उत्साह के साथ रंगों और पिचकारियों की खरीददारी कर रहे है. हालांकि दो साल तक पूरे विश्वभर में कोरोना ने अपना कहर बरपाया था, लेकिन अब कोरोना खत्म हो चुका है. ऐसे में अब होली के त्योहार को लेकर लोगों में वही उत्साह देखने को मिल रहा है जो कोरोना से पहले देखने को मिलता है.
होलिका दहन 7 मार्च को है और होली का त्योहार(फाग) 8 मार्च को है. ऐसे में ग्राहक अभी से ही होली के रंगों और पिचकारियां खरीदते हुए दिखाई दे रहे हैं. कोरोनाकाल के बाद बाजारों में एक बार फिर से रौनक लौट आई है.
बाजारों में दिखने लगी होली की रौनक, अलग-अलग डिजाइन की पिचकारियां कर रही आकर्षित, लोगों में बढ़ा हर्बल रंगों का क्रेज.
दुकानदारों ने बताया कि दुकानों पर स्पाइडर मैन, आयरन मैन, हल्क, मोटू पतलू और छोटा भीम जैसे कार्टून कैरेक्टर बाली पिचकारियां मिल रही हैं। इसके अलावा इस बार बीन जैसी दिखने वाली पिचकारी भी बाजार में आई है जो दिखने में तो सपेरे की बीन जैसी होती है.
साथ ही लोग अब पहले के मुकाबले हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं लोग केमिकल वाले रंगों से दूरी बनाए रखते हैं.
बच्चों में होली का उत्साह ज्यादा देखने को मिलता है. रंगों के साथ-साथ होली के दिन घर पर कई तरह की मिठाइयां भी बनाई जाती हैं. जिनमें गुजिया सबसे खास होती है. इसके अलावा बेसन के लड्डू, पूए, दही वड़े आदि भी बनाए जाते हैं.