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झंडा फहराने के बाद बोले कैलाश गहलोत, 24 घंटे बिजली फ्री है यह सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरे देश में संभव

स्वतंत्रता दिवस के 78वें अवसर पर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बदले दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को झंडा फहराया.  इस दौरान सौरव भारद्वाज, गोपाल राय, आतिशी और इमरान हुसैन भी मौजूद थे.

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दिल्ली के सभी लोगों को स्वतंत्रता दिवस के 78वें अवसर की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देशवासियों को आजागी दिलाने के लिए जिन्होंने कुर्बानी दी, उन्हें नमन, बॉर्डर पर देश की रक्षा करने वालों को नमन.

 

अगली बार केजरीवाल फहराएंगे झंडा

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अगली बार केजरीवाल फहराएंगे झंडा

कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारे देश की विरोधी ताकतों ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को रोकने की कोशिश की है, लेकिन लेकिन हमारा सविधान इतना मजबूत है कि उन्हें कोई नहीं रोक सका. आधुनिक शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया को भी जेल में डाल दिया गया. हमें उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही जेल से बाहर आएंगे और अगली बार वहीं झंडा फहराएंगे.

 

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उन्होंने कहा कि सभी सरकारें एक जैसी ही होती है. लेकिन दिल्ली के सीएम केजरीवाल उनमें से नहीं है. दिल्ली सरकार ने पढ़े लिखों लोगों को सरकार में जगह दी. देश के कई हिस्सों में कई घंटों तक बिजली नहीं आती है.  वहीं दिल्ली में 24 घंटे बिजली फ्री है. यह सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरे देश में संभव है. आज देशवासियों का यह चुनना है कि करोड़ों के कर्ज माफ होंगे या जनता के लिए काम होंगे.

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वहीं आगे कैलाश गहलोत ने कहा कि आज से मेरी भावनाएं दो तरह से जुड़ी है. हमें आजादी दिलाने के लिए कितने वीर सपूतों ने जान की बाजी लगा दी. लेकिन मन व्यथित है. क्योंकि आज लोकतांत्रिक रूप से चुने गए दिल्ली के सीएम जेल की सलाखों के पीछे है. आज मुझे उनकी जगह पर उपस्थित होने पड़ रहा है.  उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक स्वतंत्रता सेनानी है.  केजरीवाल ने काम की सजा के तौर पर जेल जाना स्वीकर किया.  उन्होंने लोकतंत्र का हनन करने वालों के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया. क्या इसलिए हमें आजादी मिली थी कि लोकतांत्रित तौर पर चुने दिल्ली के सीएम को जेल में डाल दिया जाएगा.  अरविंद केजरीवाल ने जनता को अशिक्षा से मुक्ति दिलाने की कोशिश की है.

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कैलाश गहलोत ने आगे कहा कि दिल्ली में न केवल मेट्रो का दयरा बढ़ा है बल्कि बसों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. पूरे देश में आज दिल्ली को EV कैपिटल के नाम से जनने लगे है. 1970 ईवी बसों के साथ दिल्ली में आज इलेक्ट्रिक बसों का देश का सबसे बड़ा बेड़ा है.