शनिवार को इस सर्वे के तहत बख्तावर चौक पर प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण किया जाएगा. इस मेट्रो स्टेशन का निर्माण अंडरपास के ऊपर किया जाएगा, जिससे इसके पिलर एक ही होंगे. यह योजना मेट्रो संचालन के लिए महत्वपूर्ण है और इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियों को ध्यान में रखा गया है.
गुरुवार सुबह 11 बजे, डिजाइन सलाहकार कंपनी के अधिकारी मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के सामने स्थित फोर्टिस अस्पताल के हरित क्षेत्र में पहुंचे. इस दौरान जीएमडीए के विभिन्न अभियंताओं ने पानी, सीवर और नालों से जुड़ी जानकारी प्रदान की. इससे मेट्रो स्टेशन के निर्माण में आने वाली बाधाओं को समझने में मदद मिलेगी. मेट्रो का निर्माण शुरू करने से पहले, मिलेनियम सिटी की आठ मुख्य सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी. यह सड़कें मेट्रो स्टेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं और इससे यातायात की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो संचालन को लेकर बैठक की थी. इसमें उन्होंने जीएमआरएल के प्रबंध निदेशक डॉ. चंद्रशेखर खरे को आदेश दिया कि 1 मई से मेट्रो संचालन का काम शुरू हो जाना चाहिए. यह आदेश मेट्रो के संचालन को तेज करने के लिए महत्वपूर्ण है.
जीएमआरएल के प्रबंध निदेशक ने मुख्यमंत्री को बताया कि जनवरी माह में मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से लेकर सेक्टर-नौ और सेक्टर-101 तक मेट्रो लाइन का टेंडर आमंत्रित कर दिया जाएगा. इससे मेट्रो निर्माण की प्रक्रिया को गति मिलेगी.
जीएमआरएल के एक अधिकारी ने बताया कि 28.5 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो मार्ग में 27 स्टेशन का निर्माण किया जाना है. इस सर्वे को 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद अलाइनमेंट को अंतिम रूप दिया जाएगा. इस मेट्रो मार्ग के निर्माण में करीब 5452 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. सामान्य सलाहकार का टेंडर अगले माह में आवंटित किया जाएगा. इसके लिए 8 कंपनियों ने आवेदन किया है.
मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन और दिल्ली-जयपुर हाइवे पर शंकर चौक स्थित डीएलएफ साइबर सिटी मेट्रो स्टेशन में ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो का इंटरचेंज स्टेशन तैयार किया जाएगा. ये इंटरचेंज स्टेशन एफओबी के माध्यम से आपस में जुड़ेंगे. जीएमआरएल ने चार साल के अंदर मेट्रो संचालन की योजना बनाई है। यह योजना न केवल गुरुग्राम के यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि शहर के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी.