नई दिल्ली: शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने निज निवास स्थान पर कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों से मिले. इस दौरान उन्होंने न केवल खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया बल्कि उन्हें भविष्य में भी अच्छा करने की बधाई दी. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने खिलाड़ियों को तिरंगे झंडे की अहमियत भी बताई. पीएम ने कहा कि हमारी ताकत हमारा तिरंगा है, और इसकी ताकत यूक्रेन रसिया युद्ध के दौरान आप सबने और देश ने देखी ही है.


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पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में देश ने खेल के मैदान में 2 बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ-साथ देश ने पहली बार Chess Olympiad का आयोजन किया है. बॉक्सिंग हो, जूडो हो, कुश्ती हो, जिस प्रकार बेटियों ने डॉमिनेट किया, वो अद्भुत है. पिछली बार की तुलना में इस बार हमने 4 नए खेलों में जीत का नया रास्ता बनाया है.


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लॉन बाउल्स से लेकर एथलेटिक्स तक, अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा है. इस प्रदर्शन से देश में नए खेलों के प्रति युवाओं का रुझान बहुत बढ़ने वाला है. आप सभी देश को सिर्फ एक मेडल नहीं देते, सेलिब्रेट करने का, गर्व करने का अवसर ही नहीं देते, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी सशक्त करते हैं. आप खेल में ही नहीं, बाकी सेक्टर में भी देश के युवाओं को बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं. सभी खिलाड़ी मेरे परिवार जैसे हैं.


पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार मैंने आपसे देश के 75 स्कूलों, शिक्षण संस्थानों में जाकर बच्चों को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया था. 'मीट द चैंपियन' अभियान के तहत अनेक साथियों ने व्यस्तताओं के बीच ये काम किया भी है. इस अभियान को जारी रखें. पीएम मोदी ने कहा कि तिरंगे की ताकत क्या होती है, ये हमने कुछ समय पहले ही यूक्रेन में देखा है. तिरंगा युद्धक्षेत्र से बाहर निकलने में भारतीयों का ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लोगों के लिए भी सुरक्षा कवच बन गया था.


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मुझे खुशी है कि खेलो इंडिया के मंच से निकले अनेक खिलाड़ियों ने इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. TOPS का भी पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिल रहा है. नए टैलेंट की खोज और उनको पोडियम तक पहुंचाने के हमारे प्रयासों को हमें और तेज़ करना है.


रूस यूक्रेन के दौरान हिंदुस्तानी तिरंगा झंडा दिखाकर वहां से निकले थे. रूसी और यूक्रेन के आर्मी जवानों ने तिरंगा लिए लोगों को चोट तक नहीं आने दी थी. हिंदुस्तान के लोगों को आसानी से बॉर्डर पार कराया था. वहीं कुछ खबरें ऐसी भी आई थीं कि पाकिस्तान के लोगों ने भी युद्ध क्षेत्र से निकलने के लिए तिरंगे का सहारा लिया था.