Anti Child Labour Day: विश्व बालश्रम विरोधी दिवस के मौके पर आज हरियाणा समेत 13 राज्यों में 24 जगह छापे मारे गए. इस दौरान पुलिस ने 306 बाल मजदूरों को मुक्त कराया. पुलिस ने ये कार्रवाई बचपन बचाओ आंदोलन (BBA) व उसके सहयोगी  NGO के साथ मिलकर की. 


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असम में टीम पर हमला
इस दौरान असम में दरांग जिले के बेसिमारी बाजार पहुंची बीबीए की टीम को भीड़ के हमले का शिकार होना पड़ा. भीड़ ने मौके से छुड़ाए गए 20 बच्चों में से चार को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बीबीए के सदस्यों को वहां से सुरक्षित निकाला. पुलिस ने असम में कुल 37 बाल मजदूरों को मुक्त कराया. 


सबसे ज्यादा गुजरात से हुए मुक्त 
इसी तरह नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बीबीए के इन छापों में सबसे ज्यादा 92 बच्चे गुजरात से छुड़ाए गए. इसके बाद पंजाब से 57 बच्चों को बाल श्रम की बेड़ियों से आजाद कराया गया. 


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दिल्ली से 17, हरियाणा से 7 बच्चे कराए मुक्त 
इसके अलावा पुलिस ने राजस्थान से  26, नई दिल्ली से 17, उत्तर प्रदेश से 13,  बिहार से 12, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड से 10-10, झारखंड से 11 और हरियाणा से 7 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया. 


कैलाश सत्यार्थी के प्रयासों ने लाया रंग
बताते चलें कि बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान में जून को कार्रवाई माह (एक्शन मंथ) के रूप में मनाया जा रहा है. बीबीए के लिए जून इसलिए अहम है क्योंकि इसके संस्थापक कैलाश सत्यार्थी के लंबे संघर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था. 


ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर
बीबीए के प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) राहुल कुमार श्रावत ने कहा, ऐसे समय में जब बाल मजदूरी के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में हुए ऐतिहासिक ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, हम बच्चों के संरक्षण की दिशा में हुई प्रगति की मुक्त कंठ से सराहना करते हैं. पिछले दो हफ्तों के दौरान ही बीबीए ने अमानवीय परिस्थितियों में काम कर रहे 1377 बाल मजदूरों को आजाद कराने में 16 राज्यों सरकारों और रेलवे पुलिस फोर्स की मदद की है.