Puja Khedkar: दिल्ली हाईकोर्ट ने UPSC परीक्षा में धोखाधड़ी और गलत तरीके से OBC/दिव्यांग कोटे का फायदा उठाने के मामले में सोमवार को पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को बड़ा झटका दिया. कोर्ट ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर की गिरफ्तारी का रास्ता साफ कर दिया है. कोर्ट ने खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और आरक्षण के लाभ का गलत उपयोग करने के आरोप में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.


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कोर्ट का निर्णय
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है. इसके साथ ही गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा भी हटा दी गई है. जस्टिस सिंह ने यह भी बताया कि खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टा में मजबूत मामला बनता है, जिससे जांच की आवश्यकता है. यह मामला संवैधानिक संस्था और समाज के साथ की गई धोखाधड़ी का एक नायाब उदाहरण है. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन करते समय जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया. 


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यूपीएससी का विरोध
दिल्ली पुलिस के वकील और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के वकील ने खेडकर की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की याचिका का विरोध किया. यूपीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक और वकील वर्धमान कौशिक ने कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखा. यूपीएससी ने जुलाई में खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाइयां शुरू कीं, जिसमें फर्जी पहचान दिखाकर सिविल सेवा परीक्षा में प्रयास करने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना शामिल था. दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की. हालांकि पूजा ने उनके ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.