Property: संपत्ति से जुड़ी शब्दावलियां ऐसी होती है जो आम लोगों की समझ से बाहर होती हैं. उन्हें केवल कानूनी समझ रखने वाले ही समझ सकते हैं. चल-अचल संपत्ति को लेकर भी लोगों को इसी तरह की कन्फ्यूजन होती है. आज हम आपके लिए इस समस्या का समाझान लेकर आएं हैं. 


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कितने प्रकार की संपत्ति होती है?
संपत्तियां दो प्रकार की होती है. एक होती है चल संपत्ति और दूसरी अचल संपत्ति होती है. 


किसे कहते हैं अचल संपत्ति? 
ऐसी संपत्ति जिसे एक जगह से दूसरी जगह नहीं लेकर जाया जा सकता है, उसे अचल संपत्ति कहते हैं. जैसे घर, कारखाना, आदि.


किसे कहते हैं चल संपत्ति? 
ऐसी संपत्ति जिसे एक जगह से दूसरी जगह आराम से लेकर जाया जा सकता है, उसे चल संपत्ति कहते हैं. जैसे ज्वेलरी, कार, लैपटॉप, आदि.


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चल और अचल संपत्ति में क्या है अंतर? 


चल संपत्ति
-ऐसी संपति जो जमीन से जुड़ी नहीं होती है मतलब जिसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह आसानी से लेकर जा सकते है उसे चल संपति कहते है. 
-इसको चलायमान संपत्ति भी कहते हैं. 
-इस संपत्ति के लिए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती है.
-चल संपत्ति को आसानी से बांटा जा सकता है.


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अचल संपत्ति
-ऐसी संपति जो जमीन से जुड़ी होती है मतलब जिसे एक जगह से दूसरी जगह नहीं लेकर जा सकते है उसे अचल संपति कहते है.
-इसको अचलायमान संपत्ति भी कहते हैं.
-अचल संपत्ति का मूल्य अगर 100 रुपये से ज्यादा है तो संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. 
- अचल संपत्ति को आसानी से नहीं बांटा जा सकता है. इसको बांटने के लिए वसीयत, गिफ्ट या बिना बंटवारा किए नहीं बांटा जा सकता है.  


जानें कुछ जरूरी बातें 
बता दें कि पेड़-पौधे, घास या अन्य चीजें जो धरती से जुड़ी होती हैं, उन्हें अचल संपत्ति में शामिल नहीं करते है. इसका मतलब है कि एनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक अगर जमीन से उपजी किसी भी चीज को बेचा जाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है तो वो संपत्ति अचल संपत्ति नहीं मानी जाएगी.