Delhi MCD News: दिल्ली के कार्यों को रोकने के लिए BJP की तानाशाही, निगम सचिव को कमरे में बनाया बंधक- मुकेश गोयल
आज एमसीडी की स्पेशल बैठक हुई. आम आदमी पार्टी ने कहा दिल्ली नगर निगम के इतिहास में आज का दिन काला दिवस के तौर पर जाना जाएगा. मेयर को सदन में कुर्सी पर बैठने से रोका गया. निगम सचिव को बंधक बनाकर भाजपा के पार्षद बाहर बैठ गए.
Delhi MCD Special Meeting: आज एमसीडी की स्पेशल बैठक हुई. आम आदमी पार्टी ने कहा दिल्ली नगर निगम के इतिहास में आज का दिन काला दिवस के तौर पर जाना जाएगा. मेयर को सदन में कुर्सी पर बैठने से रोका गया. निगम सचिव को बंधक बनाकर भाजपा के पार्षद बाहर बैठ गए. इसके संबंध में नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा तानाशाही रवैया अपना रही है. वह नहीं चाहते कि दिल्ली में कोई भी विकास के कार्य हों. अगर किसी भी प्रस्ताव को लेकर दिक्कत है तो वह सदन में विरोध कर सकते थे, लेकिन सदन को गुंडागर्दी करके नहीं चलने देना, सरासर संविधान की हत्या करना है.
बता दें कि आज सत्र में 2 प्रस्ताव रखे गए. एक 6 महीने से सील की गई दुकानों को डी-सील करना और दूसरा जब तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो जाता, तब तक स्टैंडिंग कमेटी की शक्ति सदन को दे दी जाए. मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि हम स्टैंडिंग कमेटी बनाना चाहते हैं, लेकिन हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. बीजेपी के हंगामे के बीच दोनों प्रस्ताव पास कर दिए.
दिल्ली नगर निगम के नेता सदन मुकेश गोयल ने कहा कि दुकानों की डी-सीलिंग के प्रस्ताव को पास करने के लिए सदन बुलाया गया था. इसके अलावा दिल्ली नगर निगम में अभी तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हुआ है, जिसकी वजह से सारे काम ठप पड़े हुए हैं. उन सभी कार्यों को करने के लिए स्पेशल हाउस में प्रस्ताव पास करना था, जिससे कि दिल्ली के अंदर सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो, लेकिन भाजपा के पार्षदों ने सदन को हंगामा कर-कर के मजाक बना कर रख दिया. सदन चलाने की बार-बार कोशिश करने के बाद भी बीजेपी के लोग असंवैधानिक काम करने से बाज नहीं आए. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि मेयर को उनकी सीट पर बैठने से रोका गया. इसके अलावा बीजेपी के लोग निगम सचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. निगम सचिव की यह जिम्मेदारी होती है कि सदन की बैठक को सुचारू रूप से चलाएं. निगम सचिव को बंधक बना लिया गया. उन्हें बाहर निकलने तक नहीं दिया गया, यह लोकतंत्र को हत्या है. सदन के अंदर सभी को बात रखने का अधिकार है, लेकिन मेयर को उनके आसन पर नहीं बैठने देना सरासर गलत है.
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उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के रवैए को दिल्ली की पूरी जनता देख रही है. बीजेपी वाले कभी अधिकारियों को बंधक बनाने का काम करते हैं, कभी धरना देने लगते हैं. दिल्ली की जनता से कुछ भी छुपा हुआ नहीं है. क्या बीजेपी वाले नहीं चाहते कि दिल्ली की जिन दुकानों पर ताला लगा हुआ है, उन्हें खोला जाए. दिल्ली के हजारों व्यापारी दुकानों पर ताला लगने के कारण बर्बाद हो गए हैं. अब हमारी सरकार ने उन मजबूर व्यापारियों को आशा की किरण दिखाई है, तो बीजेपी वाले विरोध करने लगे हैं. इसका मतलब साफ है की बीजेपी पार्टी और उनके पार्षद नहीं चाहते हैं की उन मजबूर व्यापारियों की दुकानें खुलें.
इसी प्रकार बीजेपी ये भी नहीं चाहते हैं कि दिल्ली नगर निगम काम करे और दिल्ली से कूड़े का पहाड़ हटें. बीजेपी ये भी नहीं चाहते हैं कि दिल्ली साफ सुथरी रहे और हम लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए काम कर सकें. दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी नहीं होने से कई काम रुके पड़े हैं, लेकिन हमारी कोशिश है कि इन कामों को सीधे सदन के जरिए कराया जाए, लेकिन इससे भी बीजेपी वालों को परेशानी हो रही है. बीजेपी वालों को जनता का सहयोग देना चाहिए, लेकिन वह इतनी घटिया राजनीति कर रहे हैं, यह बेहद ही शर्म की बात है.
अगर बीजेपी को इससे दिक्कत थी कि स्टैंडिंग कमेटी के काम को सदन में क्यों पेश किया जा रहा है, तो बीजेपी इसका सदन में विरोध कर सकती थी, लेकिन मेयर को उनकी कुर्सी पर नहीं बैठने देना किस प्रकार की राजनीति है. बीजेपी वाले दिल्ली की जनता को बहुत घटिया वातावरण दे रहे हैं. दिल्ली देश की राजधानी है, लेकिन फिर भी बीजेपी काम को रोकने के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं. इससे साफ है कि बीजेपी तानाशाही कर रही है. इस तरह के हालात और तानाशाह रवैया आज तक हमने नहीं देखा था. सदन में पहली बार आज ये सब देखने को मिल रहा है.