नई दिल्ली/जगदीप झज्जरः रेल यातायात के नियमों का उल्लंघन करना लोगों पर भारी पड़ सकता है. जनवरी से लेकर अब तक बहादुरगढ़ में रेलवे ट्रैक पर 72 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. राजकीय रेलवे पुलिस के आधीन आने वाले क्षेत्र में 72 लोग की मौत का आंकड़ा चौकाने वाला है. इसमें अकेले छोटूराम नगर फाटक के एरिया में 29 लोग की मौत हुई. हादसे, जान-बूझकर या फिर लापरवाही से ट्रैक पार करते समय इन लोगों ने अपनी जान गवाई है.


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इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि लोग रेल यातायात के नियमों को लेकर गंभीर नहीं. उसी का परिणाम है इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं. शार्टकट के चक्कर में लोग लाइन क्रास करते हैं, लेकिन उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं. काफी युवा व अन्य व्यक्ति तो मोबाइल पर बात करते हुए रेलवे ट्रेक को पार करते हैं. हालांकि कभी-कभार ही रेलवे पुलिस ओर से इसको लेकर चालान काटे जाते हैं.


लेकिन, नियमित तौर पर इस तरफ ध्यान न देने से यहां लोगों की जान जा रही है. रेलवे विभाग की ओर से बहादुरगढ़ में 3 प्लेटफार्म बनाए हुए हैं. यहां से रोजाना कई एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन दिल्ली-रोहतक ट्रेक के माध्यम से निकलती है. जब भी कोइ ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंचती है तो उस दौरान सीट पाने के चक्कर में काफी लोग जल्दबाजी करते है.


यहां बने फुट ओवर ब्रिज की बजाय शार्टकट रास्ता अपनाते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन क्रास करते हैं. इसी चक्कर में लोग अपनी जान तक गवां बैठते हैं. मगर इसके बाद भी लोग नियमों की पालना को लेकर लापरवाह नजर आते हैं. नियमों की अनदेखी कर रेलवे लाइनों को क्रास करने वालों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई बहादुरगढ़ के रेलवे स्टेशन पर ढुलमुल ही दिखती है.


कभी-कभार ही RPF व GRPF की टीम यहां से निकलने वालों को लोगों को रोकती-टोकती दिखती है. कार्रवाई को लेकर RPF की ओर से कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता और न ही नियमित तौर पर यहां कोई जांच होती. जबकि बहादुरगढ़ का रेलवे स्टेशन काफी अहम है. यहां पर यात्रियों की खूब भीड़ रहती है. बच्चों से लेकर बड़े तक खुलेआम रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ाते देखे जाते है.


जनवरी से जून तक 48 लोगों ने रेलवे ट्रेक पर अपनी जान गंवाई है. इसमें 5 महिलाएं और 43 पुरूष शामिल है. इसमें एक महिला ने आत्महत्या की तो 4 महिलाओं की रेलवे ट्रेक पर मौत हुई. पुरूषों में 6 लोगों ने आत्महत्या की तो एक ने रेलवे यार्ड के पास जहरीला पदार्थ निगलकर अपनी जान दी. 36 पुरूषों ने रेलवे ट्रेक पर अपनी जान गवाई. इसमें एक भ्रूण है. जो रेलवे ट्रेक पर साथ कूडे के ढेर में मिला था.


बात की जाए जुलाई से अब तक की तो 24 लोगों की रेलवे ट्रेक पर मौत हो चुकी है. इसमें 4 महिलाएं भी शामिल है. जनवरी से अब तक कुल 72 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इस साल के 4 माह अभी शेष है. कई बार तो ऐसा हुआ है एक ही दिन में 2 से 3 लोगों की मौत हादसे, जान-बूझकर या फिर लापरवाही से ट्रैक पार करते समय हुई. 72 में 13 लोग व एक भू्रण ऐसे है, जिन्हे अपनों का कंधा व कफन भी नसीब नहीं हो पाया.


रेलवे विभाग व पुलिस की ओर से बार बार आमजन को रेल यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने लिए अभियान चलाया जाता है, लेकिन उसके बाद भी किसी न किसी कारण से ट्रैक पर जान गंवा देने वालों की संख्या में ज्यादा कमी देखने को नहीं मिल रही. लोगों को ये ध्यान रखने की आवश्यकता है कि रेल यातायात नियमों का पालन और रेलवे ट्रैक पार करते समय सतर्कता ही जीवन बचाने के एकमात्र विकल्प है.