Khanauri Border News: डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसान नेताओं का कहना है कि यह सरकार पर निर्भर है कि वह उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती है या नहीं. बदले में जो भी हालात पैदा होंगे, उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.
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Jagjit Singh Dallewal Latest News: हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को मनवाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी भूख हड़ताल रविवार को 34वें दिन में प्रवेश कर गई. उनकी हालत बिगड़ती जा रही है, लेकिन डल्लेवाल केंद्र सरकार को अपना इरादा पहले ही जाहिर कर चुके हैं कि मांगों को मनवाए भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी. डल्लेवाल को धरना स्थल से अस्पताल ले जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसान नेताओं ने रविवार को प्रतिक्रिया दी. उनका कहना है कि वे गांधीवादी तरीके से विरोध जारी रखे हुए हैं. यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह डल्लेवाल को प्रदर्शन स्थल से बलपूर्वक हटाने का निर्णय लेती है या नहीं. इधर डल्लेवाल ने वीडियो जारी कर कहा कि वह किसी के दबाव में नहीं हैं और किसी ने मुझे यहां बंधक बनाकर नहीं रखा है.
दरअसल शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने जगजीत डल्लेवाल को बिगड़ती हालत के बावजूद अस्पताल में भर्ती न कराने पर सवाल उठाए थे और पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी. पंजाब सरकार के वकील का कहना था कि साथी किसान डल्लेवाल को धरनास्थल से हटाने से रोक रहे हैं. कोर्ट ने पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक समय दिया है कि वह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती होने के लिए मनाने की कोशिश करे. कोर्ट ने इस काम में केंद्र सरकार से मदद लेने को कहा है.
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किसानों को बचाना जरूरी: डल्लेवाल
इसके बाद डल्लेवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को किसने दी और यह भ्रम कहां से फैला कि मुझे बंधक बना लिया गया है. उन्होंने कहा, देश में सात लाख किसानों ने कर्ज के कारण आत्महत्या की है. किसानों को बचाना जरूरी है, इसलिए मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठा हूं. उन्होंने कहा कि वह किसी के दबाव में नहीं हैं.
आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही सरकार
खनौरी बॉर्डर पर रविवार को किसान नेता अभिमन्यु कोहड़ ने कहा, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि केंद्र सरकार शुरू से ही हमारे आंदोलन को बदनाम और दबाने की कोशिश कर रही है. एक नैरेटिव तैयार किया जा रहा है कि किसान जिद्दी हैं, जबकि असल में यह केंद्र सरकार है जो हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. सरकार की दमनकारी नीतियों के बावजूद हमने गांधीवादी तरीके से विरोध जारी रखा है. अब यह सरकार और संवैधानिक संस्थाओं पर निर्भर है कि वे डल्लेवाल जी को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती हैं या नहीं. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जो भी स्थिति उत्पन्न होगी, उसकी जिम्मेदारी केंद्र और संवैधानिक संस्थाओं की होगी. अगर डल्लेवाल को गिरफ्तार करना चाहते हैं तो सरकार को हजारों किसानों की लाश से गुजरना पड़ेगा. फैसला सरकार को करना है.
पंजाब के लोगों से अपील
अभिमन्यु कोहड़ ने कहा कि जगजीत डल्लेवाल ने किसानों के लिए अपनी जान दांव पर लगाई है. आंदोलन निर्णायक मोड़ पर है. हमें मजबूत रुख अपनाना चाहिए। वहीं किसान नेता काका सिंह कोटरा ने कहा कि सरकार डल्लेवाल को प्रदर्शन स्थल से हटाने की कोशिश कर सकती हैं. उन्होंने पंजाब के लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में खनौरी पहुंचने की अपील की.
4 जनवरी को होगी किसान महापंचायत
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली की ओर मार्च करने से रोक दिया था. किसान एमएसपी गारंटी कानून के अलावा कर्ज माफी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली शुल्क में वृद्धि पर रोक, पुलिस केस वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों ने केंद्र के खिलाफ संघर्ष को और तेज करते हुए 4 जनवरी को खनौरी में किसान महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है. इसे पहले 30 दिसंबर को पंजाब बंद का भी आह्वान किया है.