CM केजरीवाल को मिली राजेंद्रपाल गौतम की काट, अब इस दलित विधायक को बनाएंगे मंत्री!
पूर्व मंत्री राजेंद्रपाल गौतम के इस्तीफा देने के बाद मंत्री पद खाली था. केजरीवाल कैबिनेट एक दलित चेहरे की तलाश थी. हालांकि दिल्ली में कुल 12 सीटों दलित के लिए आरक्षित हैं. इन सभी में AAP का कब्जा है. राजेंद्रपाल गौतम का अच्छा-खासा होल्ड दलित मतदाताओं के बीच है.
तरुण कुमार/नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी वाली सरकार को एक नया मंत्री मिलने वाला है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूर्व मंत्री राजेंद्रपाल गौतम का विकल्प मिल गया है. खबर है कि पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद मंत्री बन सकते हैं. वह भी दलित समुदाय से आते हैं. केजरीवाल भी एक दलित के बदले दूसरा दलित चेहरा लाना चाह रहे थे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केजरीवाल जल्द ही राजकुमार आनंद का नाम मंत्री पद के लिए LG विनय कुमार सक्सेना को भेज सकते हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली के सरकार में मंत्री रहते हुए राजेंद्रपाल गौतम ने एक बौद्ध समुदाय को लेकर एक कार्यक्रम किया था. जिसमें उन्होंने बौद्ध धर्म की 22 प्रतिज्ञाएं दोहराईं थीं. इसमें हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करना और आस्था न करने की शपथ दिलाई गई थी. मंत्री राजेंद्रपाल गौतम कार्यक्रम के अध्यक्ष थे. वीडियो वायरल हुआ तो राजेंद्रपाल घिर गए. केजरीवाल सरकार ने उन्हें मंत्री पद से हटाने की सिफारिश कर दी. मंगलवार को गृह मंत्रालय से राजेंद्रपाल गौतम के मंत्रीपद के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया.
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ये नाम मंत्री पद की दौड़ में
राजेंद्र पाल गौतम दलित समुदाय से आते हैं. दलित मंत्री के बदले दलित चेहरा चाहिए था. यूं तो दिल्ली में कुल 12 दलित विधायक हैं. इनमें से मंत्री पद के लिए चार सबसे आगे चल रहे थे. जिनमें पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद, कुंडली से विधायक कुलदीप कुमार, कुंडली से विधायक कुलदीप कुमार, करोल बाग से विधायक विशेष रवि और मंगोलपुरी से विधायक राखी विड़लान. लेकिन मुहर शायद राजकुमार आनंद के नाम पर लगी है. हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है, लेकिन विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नाम फाइनल हो गया है.
कौन हैं राजकुमार आनंद (Rajkumar Anand AAP MLA) ?
राजकुमार आनंद का जीवन संघर्षों में बीता है. वह ताला बनाने वाली एक फैक्ट्री में काम करते थे. बाद में पढ़-लिखकर वकील बने. राजकुमार लाइम लाइट में नहीं रहते, लेकिन आम आदमी पार्टी के मुखिया के विश्वासपात्र हैं. राजकुमार की पत्नी 2013 में पटेल नगर की ही सीट से विधायक रह चुकीं हैं. यह सीट भी उन्होंने AAP की टिकट पर जीती थी. राजकुमार साफ-सुथरी छवि वाले नेता हैं. दलित समुदाय में ठीकठाक होल्ड है उनका. इसका फायदा उन्हें मिल सकता है.
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दिल्ली में कितने दलित वोटर्स?
दिल्ली में राजेंद्रपाल गौतम का हटाने के बाद दलित समुदाय में खासी नाराजगी देखी जा रही है. इसी ऐसे देखा जा सकता है कि सिसोदिया से सीबीआई पूछताछ के दिन राजेंद्रपाल गौतम किसी दूसरे कार्यक्रम में थे, जबकि अन्य कार्यकर्ता सड़कों पर विरोध कर रहे थे. दिल्ली में 18 से 20% मतदाता दलित हैं. 70 विधानसभाओं में से सभी 12 आरक्षित सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. यही वजह है कि पार्टी अपने इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिए एक दलित चेहरे को ही कैबिनेट में हमेशा से जगह देती रही है और अब राजेन्द्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद से एक दलित चेहरे की तलाश थी जो पूरी हो गई है.