करनाल/कुरुक्षेत्र : किसान नेता राकेश टिकैत करनाल पहुंचे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने MSP को लेकर अब तक कुछ नहीं किया. यूपी और बिहार के किसानों को  फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिलता. टिकैत ने कहा कि C2 +50 वाले फॉर्मूले के बाद ही किसानों को राहत मिलेगी. इस दौरान उन्होंने पंजाब  के युवाओं के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि पंजाब का यूथ गैंगवार की वजह से बाहर जाने को मजबूर है. गैंगवार की जांच होनी चाहिए कि पहले ये कहां थे और अब अचानक यहां कैसे बढ़ रहे हैं. 


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पानी के मुद्दे पर दिल्ली की 'वकालत' 


दिल्ली में चल रहे जलसंकट और हरियाणा से पानी की आपूर्ति पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमें पानी का प्रबंधन अच्छे से करना चाहिए. दिल्ली को उसके हिस्से का सारा पानी मिलना चाहिए. बारिश के पानी का उपयोग करना चाहिए, उसे वेस्ट नहीं जाने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब को तोड़ा जा रहा है, यह अच्छा नहीं है. हमें सबको मिलकर इसका हल निकालना चाहिए. यह मुद्दा अब चुनाव तक सीमित रह गया है जब चुनाव आता है तभी एसवाईएल का मुद्दा सामने आ जाता है.


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रणजीत चौटाला के बयान पर बोले टिकैत


हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने राज्य के गन्ना किसानों को अब 5 के बजाय 8 घंटे बिजली देने की बात कही है. इस पर टिकैत ने कहा कि 8 से 10 घंटे बिजली तो काफी जरूरी है. किसानों को धान की फसल लगानी है. गन्ना किसानों को प्रॉपर पानी नहीं मिल रहा है. सरकार को 8 से 10 घंटे बिजली तो देनी ही चाहिए। अगर बिजली मंत्री ने कहा है तो अच्छी बात है. आज तो किसान को 3 से 4 घंटे ही बिजली मिल रही है. हरियाणा में पानी काफी नीचे और खारा है.  इससे कम पानी पर तो काम भी नहीं चलेगा।


सरकारें धर्म को राजनीति में ले आई 


नूपुर शर्मा के बयान के बाद पूरे देश में हिंसा की कई घटनाओं के बाद राजेश टिकैत ने कहा किधर्म को लेकर बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. इससे हमेशा ही नुकसान होता है. भाईचारा बिगड़ता है. इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता अब धर्म को बीच में ला रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है. सरकारें भी आजकल राजनीति के अंदर धर्म को ले आई हैं. जनता को ये बात समझनी चाहिए. लोगों को भाईचारे का माहौल बनाकर रखना चाहिए. अगर माहौल खराब होता है तो नुकसान आम लोगों का ही होता है.


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किसान नेता राकेश टिकैत कुरुक्षेत्र नहीं पहुंचे. उन्होंने भाकियू नेता गुरनाम चढूनी के गृह क्षेत्र शाहबाद से राज्य सरकार पर जुबानी हमले किए. इस दौरान आयोजित  किसान पंचायत में टिकैत ने कहा कि सरकार को धान के सीजन में किसानों को 5 नहीं, 12 घंटे बिजली देनी चाहिए. टिकैत ने कृषि कानूनों पर किसानों के साथ हुए समझौते लागू करने के बारे में केंद्र सरकार पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया.


लाठी-डंडों से नहीं डरने वाला किसान 


किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान मुकदमों या लाठी-डंडों से नहीं डरने वाला है. उन्होंने सवाल किया, क्या सरकार फिर से कोई बड़ा आंदोलन चाहती है.  टिकैत ने कहा कि मुकदमे वापस लेने व मुआवजा देने में सरकार पीछे हट रही है. इसी को लेकर आगामी 17/18 जून को हरिद्वार में बैठक होगी जिसमें भावी रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि सहकारी शुगर मिलों पर किसानों का काफी पैसा बकाया है, जिसे जल्द जारी किया जाए.