नई दिल्ली : गुजरात में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच देश के 56 पूर्व नौकरशाहों व राजनयिकों ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात के लोकसेवकों को आप का सहयोग करने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं. इतना ही नहीं, वह खुलेआम पुलिस अधिकारियों, होमगार्ड्स, आंगनबाड़ी, बस कंडक्टर्स आदि  को पार्टी की मदद के लिए अपील कर रहे हैं.  


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कर्नाटक के पूर्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एम.मदन गोपाल के नेतृत्व में पत्र लिखने वाले पूर्व आईएएस अधिकारियों का कहना है कि राज्य में कार्यरत सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी दल से जुड़ नहीं सकते हैं और  न ही वह अपनी राजनीतिक मंशा जाहिर कर सकते हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल नौकरीपेशा  लोगों को लगातार राजनीतिक भागीदारी के लिए उकसा रहे हैं. पूर्व नौकरशाहों ने गुजरात के राजकोट में आयोजित 3 सितंबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए राज्य के लोक सेवकों को बार-बार पार्टी के साथ मिलकर काम करने के लिए कह रहे हैं.


पूर्व अधिकारियों ने चुनाव आयोग से यह कहते शिकायत करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल गुजरात में कार्यरत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को पार्टी के पक्ष में करने में जुटे हैं. शिकायत के मुताबिक केजरीवाल ने बीते दिनों बूथ वर्कर्स से कहा कि वे बूथ लेवल पर जाकर लोगों से आप के लिए वोट करने की अपील करें. उन्होंने बस कंडक्टर्स से कहा है कि वे यात्रियों से आप के पक्ष में वोट करने के लिए कहें. 


पूर्व नौकरशाहों ने आम आदमी पार्टी पर लोक सेवकों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से अपील की है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के 16ए के तहत आम आदमी पार्टी की मान्यता ख़त्म करनी चाहिए.