Haryana Election 2024: हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने कहा है कि इस बार 20 से 25 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में विजयी होंगे. चुनाव परिणाम आने के बाद यह तय किया जाएगा कि हम समर्थन देने जाएंगे या कोई हमें समर्थन देने आएगा.
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Ranjit singh Chautala News: हरियाणा में चुनावी सरगर्मियों के बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने बीजेपी को लेकर एक बड़ी बात कह दी है. अगर उनकी कही ये बात सच साबित हुई तो पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनने की सूरत में फिर से चुनाव कराने की नौबत आ सकती है. रणजीत चौटाला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस बार 20 से 25 निर्दलीय उम्मीदवार विधायक बनेंगे. इसके अलावा हंग असेंबली बनेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं रानियां से निर्दलीय उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला ने इस बार बीजेपी को मिलने वाली सीटों के बारे में कयास लगाए.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट से नाम गायब होने से नाराज रणजीत सिंह चौटाला ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही रानियां से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. बुधवार को सिरसा में उन्होंने दावा किया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों के हाथ 20 से 25 सीट लग सकती हैं. उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद यह तय किया जाएगा कि हम समर्थन देने जाएंगे या कोई हमें समर्थन देने आएगा.
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चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में जहां ग्राम सरपंच परेशान थे. वहीं फैमिली आईडी से भी काफी परेशान होकर जनता भाजपा के खिलाफ हो गई है. उन्होंने कहा कि रानियां विधानसभा क्षेत्र में उनका मुकाबला केवल कांग्रेस उम्मीदवार से ही रहने वाला है.
BJP से गठबंधन करने वालों को होगा नुकसान
सिरसा में भाजपा और इनेलो-बसपा-हरियाणा लोकहित पार्टी के गठबंधन पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जब वह हिसार से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे तो उन्हें किसानों का विरोध झेलना पड़ा. उन्हें ऐसा लगता है इस इलाके में जिसका भी बीजेपी से गठबंधन है, उसे लोग वोट नहीं देंगे. चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि सिरसा में चाहे कोई किसी को भी समर्थन दे दे, लेकिन इस गठबंधन को जनता समर्थन बिल्कुल नहीं देगी. सिरसा में ये गठबंधन पांचों सीट (कालांवाली, डबवाली, रानिया, सिरसा और ऐलनाबाद) हार रहा है.
सरपंचों की नाराजगी पड़ेगी भारी
चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि भाजपा भी यह जान चुकी है कि उनके शासनकाल में सरपंचों पर लिया गया फैसला और फैमिली आईडी को लेकर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. इसी को लेकर ही लोग बीजेपी के खिलाफ हो गए हैं, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा. रणजीत सिंह ने कहा कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 15 सीटों पर ही सिमटकर रह जाएगी.
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अभय चौटाला की समझ पर उठाया सवाल
इनेलो में शामिल होने से पहले पवन बेनीवाल को लेकर दिए अभय चौटाला के बयानों पर रणजीत चौटाला ने कहा कि इनेलो नेता कब किसे क्या बोलते हैं, यह उन्हें भी पता नहीं होता. बता दें कि इनेलो से मतभेद होने के बाद पवन बेनीवाल बीजेपी में शामिल हो गए थे. भाजपा ने उन्हें 2014 और 2019 में अभय सिंह चौटाला के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन दोनों बार पवन चुनाव हार गए. किसान आंदोलन के दौरान पवन बेनीवाल ने भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए और ऐलनाबाद उपचुनाव में अभय के खिलाफ चुनाव लड़ा और यह चुनाव भी पवन बेनीवाल हार गए थे.
क्या होती है हंग असेंबली?
जब किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो इसके लिए इस हंग असेंबली शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसी स्थिति में किसी पार्टी के समर्थन के बिना सरकार बनाना संभव नहीं होता. राज्यपाल सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं और पूर्ण बहुमत पेश करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत देते हैं. यदि पार्टी निर्धारित समयावधि में बहुमत नहीं दिखा पाती है तो राज्यपाल फिर से चुनाव का आह्वान करता है.