राज ताकिया/रोहतकः हरियाणा के रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में चल रहे धरने पर मंगलवार यानी की आज प्रदेश के चारों मेडिकल कॉलेज से MBBS स्टूडेंट पहुंचे हैं. हरियाणा सरकार को बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरना प्रदर्शन लगातार 15वें दिन भी जारी है. उन्होंने बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में अपना रोष जताया और मांग की कि जल्द से जल्द इस पॉलिसी को वापस लिया जाए. वहीं मुख्यमंत्री के बयान चिकित्सक मेवा खाते हैं सेवा नहीं करते, पर भी पलटवार करा और कहा कि चिकित्सक सेवा ही करते हैं.


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वहीं, कोरोना काल में सरकार द्वारा चिकित्सकों के सम्मान में फूल बरसाए थे. आज चिकित्सकों ने बांड पॉलिसी के विरोध में सरकार को वे फूल भी वापस कर दिए. साथ ही कहा कि एक तरफ सरकार चिकित्सकों के सम्मान का ढ़ोंग कर रही है, वहीं भावी चिकित्सकों पर 40 लाख का आर्थिक बोझ डालकर उसे मानसिक रूप से परेशान कर रही है.


72 घंटे का अल्टीमेटम


रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन व MBBS स्टूडेंट ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. साथ ही कहा कि सरकार 72 घंटे में इस बांड की शर्त को खत्म नहीं करती है तो MBBS स्टूडेंट अपने आंदोलन को और अधिक बड़े स्तर पर चलाएंगे. उन्हें चंडीगढ़ जाना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे. साथ ही रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने भी मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी. रोहतक PGI में पिछले एक पखवाड़े से MBBS स्टूडेंट का धरना चल रहा है.


इस धरने पर मंगलवार को IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) पहुंची. IMA ने सभी स्टूडेंट्स को सर्मथन दिया और मांग की कि जल्द से जल्द बांड पॉलिसी वापस की जाए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो IMA भी छात्रों के साथ प्रदर्शन करेगी. मंगलवार को प्रदेश के सभी चारों सरकारी मेडिकल कॉलेज के MBBS छात्र रोहतक PGI में एकत्रित हुए. जहां पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक, कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज करनाल, बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज सोनीपत व शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नूंह के छात्रों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया.


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पढ़ाई से पहले बनेंगे कर्जवान


MBBS स्टूडेंट ने कहा कि सरकार 40 लाख की बांड पॉलिसी लेकर आई है, जो विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी होने से पहले ही कर्जवान बना देगी. अगर कोई विद्यार्थी बैंक के माध्यम से बांड पॉलिसी लेकर पढ़ाई करता है तो उसकी पढ़ाई पूरी होने के बाद भी उसे 60 हजार रुपये प्रति माह तक की किस्त भरनी होंगी. ऐसे में वे बांड की किस्त भरेंगे या नौकरी करेंगे. मेडिकल स्टूडेंट ने कहा कि सरकार ने बांड पॉलिसी की अवधि 7 साल की है.


लेकिन, सरकार के पास पढ़ाई पूरी करने वाले सभी चिकित्सकों के लिए काम तक नहीं हैं. MBBS की पढ़ाई पास कर चुके विद्यार्थियों को सालों नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. सरकार बांड पॉलिसी के अवधि कम करे और नौकरी की गारंटी भी दी.


ये रखी मांग


- बांड एग्रीमेंट में से बैंक की दखल अंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए.


- साथ ही बांड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 साल की जाए.


ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे.


- 40 लाख सेवा बांड राशि को घटाकर 5 लाख रुपये किया जाए.


- PG कोर्स (MD/MS) के बारे में स्थिति बिल्कुल साफ की जाए.