Rohtak News: रोहतक में सफाई व्यवस्था बद्दतर होती जा रही है. मोहल्लों कॉलोनियों में जगह-जगह कचरे के ढेर जमा हैं. क्षेत्र में साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं होने के कारण जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में शहर में लगे कचरे के ढेरों में आवारा पशु मुंह मार रहे हैं, जिससे कचरा पूरी सड़क पर बिखर रहा है. गंदगी के ढेर से कॉलोनियों और बाजार में जाने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है. गोहाना रोड पर सड़क के किनारे के जाम पड़े नाले आसपास की कॉलोनी वासियों के लिए मुसीबत बने हैं. तेज हवा के बीच कूड़ा समय से नहीं उठने पर आसपास के एरिया में फैल कर गंदगी का कारण बन रहा है.


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शहर के कई मुख्य मार्गों में कचरा पात्र के बाहर कचरे के ढेर लगे हैं, जिसमें पनपते मच्छरों ने आस-पास रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, लेकिन प्रशासन को शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर जरा भी चिंता नजर नहीं आ रही है.


एजेंसी के काम छोड़ने के बाद से निगम के 680 सफाई कर्मचारियों को ही पूरे शहर की सफाई की व्यवस्था संभालनी पड़ रही है. वर्क लोड से कर्मचारी परेशान हैं. जिम्मेदार अधिकारियों से तत्काल 500 सफाई कर्मियों का प्रबंध करने को कहा गया है, लेकिन अभी तक इंतजाम नहीं हुआ. वहीं रोहतक नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल का  खुद मानना है कि शहर में सफाई बहुत खराब है.


मेयर ने कहा कि निजी कंपनी पर कोर्ट में केस चल रहा है. अब फैसला कब तक आयगा वो देखा जाएगा तभी कुछ होगा. गौरतलब है कि 6 महीने बाद सफाई के लगाए गए टेंडर पर कोर्ट ने रोक लगा दी. 5 अक्टूबर को इस पर सुनवाई हुई. वहीं 22 वार्डों में फैली साढ़े 6 लाख की आबादी वाले रोहतक शहर की सफाई मात्र 650 सफाई कर्मियों के भरोसे चल रही है. 31 मार्च-2023 को ठेका खत्म होने के बाद एजेंसी के 1500 सफाई कर्मचारियों के काम का बोझ भी निगम के सफाई कर्मचारियों पर है.


Input: Raj takiya