Rohtak News: रोहतक जिले के गांव घिलौड़ कलां के शहीद राजेश कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पर ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह ताला जड़ दिया. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल का भवन खस्ताहाल में है और 5 साल पहले इसे विभाग द्वारा कंडम भी घोषित कर दिया गया था, लेकिन अभी तक स्कूल का नया भवन नहीं बना है.


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ग्रामीणों का कहना है कि विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. स्थिति यह है कि स्कूल के खस्ताहाल कमरों में बैठकर पढ़ा भी नहीं जा सकता. विद्यार्थी पेड़ों के नीचे या बरामदों में बैठकर पढ़ाई करते हैं. स्कूल में 160 से अधिक बच्चों ने दाखिला लिया हुआ है, लेकिन भवन के कारण विद्यार्थियों को गर्मी में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है.


घिलौड़ कलां के सरपंच अनिल देशवाल सरकारी स्कूल में 14 कमरे जर्जर हालत में हैं, जिनका निर्माण 1948 में किया गया था. अब तक कमरों की हालत ऐसी हो चुकी है कि किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं PWD विभाग के XEN ने वर्ष 2018 में इस भवन को कंडम घोषित कर दिया था, लेकिन अभी तक नया भवन नहीं बनाया गया. 


पंचायत में लिया फैसला
बता दें कि इससे पहले गांव घिलौड़ कलां की बड़ी चौपाल में सरपंच की अध्यक्षता में पंचायत भी हुई थी, जिसमें स्कूल की खराब बिल्डिंग, सफाई कर्मचारी की तनख्वाह व रात के चौकीदार की 7 महीने की तनख्वाह नहीं देने का मुद्दा रखा गया. पंचायत में गांव वालों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया था कि सरकारी स्कूल पर ताला लगाया जाएगा.


SC ने खारिज की दिल्ली सरकार की मांग
वहीं केंद्र के अध्यादेश पर फिलहाल रोक लगाने की दिल्ली सरकार की मांग SC ने खारिज की है. वो कल ही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वो अध्यादेश पर रोक नहीं लगा रहा, लेकिन अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका को SC ने खारिज नहीं किया है. वो याचिका आगे विचार के लिए संविधान पीठ को भेजी गई है. बेंच ने संविधान पीठ को आर्टिकल 239AA (7) की व्याख्या से जुड़े दो सवाल भी रेफेर किए हैं.


Input: Raj takiya