Delhi To Meerut : आरआरटीएस कॉरिडोर पर आनंद विहार से टनल खोदने का काम शुरू
रैपिड रेल का ट्रायल तीन चरणों में किया जाएगा. इसके बाद 2023 के मार्च महीने से साहिबाबाद से दुहाई तक के प्राथमिकता खंड में लोग इसकी सवारी कर सकेंगे. दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ तक 82 किमी लंबे रैपिड रेल कॉरिडोर में 30 ट्रेनें दौड़ेंगी.
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी को तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के जरिए गाजियाबाद और मेरठ से जोड़ने का काम तेज हो गया है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTC) कॉरिडोर पर आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद की दिशा में सुरंग बनाने का काम सोमवार को शुरू कर दिया गया.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के मुताबिक आरआरटीएस के 82 किलोमीटर के कॉरिडोर में दिल्ली के अंदर चार स्टेशन होंगे, जिनमें जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार शामिल हैं. इनमें से केवल आनंद विहार स्टेशन भूमिगत रहेगा. एक सुदर्शन (टनल बोरिंग मशीन) ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर आनंद विहार से साहिबाबाद की दिशा में 2 किलोमीटर लंबी सुरंग खोदने का काम शुरू कर दिया है. यह वैशाली मेट्रो स्टेशन के सामने खत्म होगी.
यह तीसरा सुदर्शन (टीबीएम) है, जिसने आनंद विहार से साहिबाबाद की ओर सुरंग का निर्माण शुरू किया है. इसके लिए लांचिंग शाफ्ट आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन के उत्तर में बनाया गया है, जहां से सुरंग का निर्माण शुरू हुआ है. बयान के अनुसार, दो सुदर्शन (टीबीएम) पहले से ही आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन से न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन की ओर सुरंग निर्माण पर काम कर रहे हैं.
6.5 मीटर चौड़ी होगी आरआरटीएस टनल
टनल सेक्शन की मदद से सुरंग के छल्लों को टीबीएम द्वारा भूमिगत रूप से बनाया जाता है. आमतौर पर सात सुरंग खंडों का उपयोग किया जाता है. इनका निर्माण एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ किया जा रहा है. बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 मील प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण आरआरटीएस सुरंगों की चौड़ाई 6.5 मीटर तय की गई है. एनसीआरटीसी ने कहा कि मेट्रो प्रणाली की तुलना में यह पहली बार है कि देश में इतने बड़े आकार की सुरंग का निर्माण किया जा रहा है.
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