Delhi News: पश्‍च‍िम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए यौन हिंसा मामले में मंगलवार को BJP नेताओं ने प्रदर्शन कर अपनी विरोध जताया. इस दौरान BJP कार्यकर्ताओं द्वारा ड्यूटी पर तैनात IPS अधिकारी को खालिस्तानी कहने का मामला सामने आया है. इस मामले में लगातार दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसे BJP पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे BJP की नफरत की विचारधारा बताया. 


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गोपाल राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ड्यूटी पर तैनात आईपीएस अधिकारी को भाजपा के नेताओं ने खालिस्तान बोलकर अपमानित किया है. देश में जो भी लोग एकता में विश्वास रखते हैं, वह इस बात को मानते हैं कि यहां रहने वाले किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति, भाषा और धर्म के आधार पर इस तरह अपमानित नहीं किया जा सकता है. भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर आईपीएस अधिकारी को केवल इसलिए खालिस्तानी बोला क्योंकि वह सिख परिवार में पैदा हुए और वह पगड़ी बांधते हैं. यह इस बात को दिखाता है कि भाजपा के नेताओं में नफरत की विचारधारा कूट-कूट कर भर चुकी है. 


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गोपाल राय ने कहा कि भारत में सिख धर्म को मानने वालों का एक लंबा इतिहास है रहा है. इस देश की आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने कुर्बानी दी, लेकिन अगर किसी के नाम के साथ शहीद ए आजम लगा है तो वह भगत सिंह हैं. वो एक सिख परिवार में पैदा हुए थे. करतार सिंह सराभा एक सिख परिवार में पैदा हुए थे, जिन्होंने अपनी जवानी को इस देश के लिए न्योछावर कर दिया. अगर आजादी की लड़ाई में शहीदों की लिस्ट निकाली जाए तो उसमें सबसे पहला राज्य पंजाब होगा. 


सारे स्वतंत्रता संग्राम को एक तरफ करके सत्ता के अहंकार में भाजपा के नेताओं को यह अधिकार मिल गया है कि वो सर्टिफिकेट बांटते घूम रहे हैं. कोई उनके लिए देशद्रोही हो जाता है, कोई आतंकवादी हो जाता है तो कोई खालिस्तानी हो जाता है तो कोई नक्सलवादी हो जाता है. 


भाजपा संविधान की सभी लकीरों को पार करती जा रही है. भाजपा ना तो भारत की संस्कृति और ना ही परंपराओं को मानने को तैयार है और ना ही भारत के संविधान को. अगर आज इस नफरत से भरे अभियान को नहीं रोका गया तो यह लोग देश को कमजोर करने और भारतीय समाज को विखंडित करने की ओर बढ़ेंगे. आम आदमी पार्टी कड़े शब्दों में भाजपा नेताओं के इस व्यवहार की निंदा करती है. भाजपा नेता इसके लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे.