Kaithal: कैथल सीवन में सब्जियों की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं प्रगतिशील किसान
किसान अपने इलाके में 15 - 15 एकड़ भूमि पर सब्जियों की खेती करते हैं और लगभग 5-5 लाख रुपया प्रति वर्ष मुनाफा कमा रहे हैं, जब किसानों से बात की गई तो इनका कहना है कि किसान को सबसे पहले फसलों के चक्र से निकलना होगा.
कैथल के ब्लॉक सीवन में सब्जियों की खेती करना मुनाफे का सौदा होता जा रहा है और इस इलाके के किसान सब्जियां उगा कर जमीन की उपज तो बड़ा ही रहे हैं. इसी के साथ लाखों रुपए भी कमा रहे हैं. इसी बारे में जानकारी लेने के लिए जी मीडिया ने सीवन का दौरा किया और वहां पर दो प्रगतिशील किसान अमरिंदर सिंह और बलवीर सिंह से इस विषय पर बात की की सब्जियों की खेती करना कितना फायदे का सौदा है और इसको फायदेमंद बनाने के लिए यह लोग क्या कर रहे हैं. इसके बारे में दी मीडिया को बताया.
यह किसान अपने इलाके में 15 - 15 एकड़ भूमि पर सब्जियों की खेती करते हैं और लगभग 5-5 लाख रुपया प्रति वर्ष मुनाफा कमा रहे हैं, जब किसानों से बात की गई तो इनका कहना है कि किसान को सबसे पहले फसलों के चक्र से निकलना होगा. ज्यादातर किसान गेहूं और धान की ही पैदावार करते हैं और इसी पर निर्भर हैं परंतु अगर मेहनत करें तो इन फसलों के साथ उसी जमीन पर मौसमी सब्जियों की खेती भी की जाए तो किसान साल में 1 जमीन पर 3 फसलें ले सकता है औग अधिक मुनाफा कमा सकता है. उन्होंने बताया कि सीवन इलाके किस दिन उपजाऊ है और यहां जमीन का पानी बहुत अच्छा है, जो खेती के लिए फायदेमंद है और पिछले कुछ समय से यह इलाका सब्जियों की खेती का हब बन गया है और यहां पर सब्जियों की खरीद-फरोख्त के लिए 3 बजे के बाद बहुत बड़ी मंडी लगती है. कई राज्यों मैं यहां की सब्जी सप्लाई होती है और सीवन ब्लॉक की सब्जियां काफी दूर तक प्रसिद्ध है इसका मुख्य कारण है. सब्जियों की क्वालिटी अच्छी होना और ज्यादातर सब्जियां ऑर्गेनिक है ज्यादातर इनमें पेस्टिसाइड का प्रयोग नहीं होता है.
किसानों ने बात करते हुए आगे बताया कि अगर किसान पढ़ा लिखा है और और प्रगतिशील है तो वह सब्जियां लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है. क्योंकि सब्जियों की फसल की कीमत नगद मिल जाती है. किसान के हाथ में पैसा रहता है इलाके के किसानों को सब्जियों के प्रबंधन में भी कोई दिक्कत नहीं आती. खेत से सब्जी ले जाने के बाद तुरंत बिक जाती है. दूसरा किसान ने बताया कि सब्जियों के साथ कुछ बूटियां पैदा हो जाती हैं, जो ₹8000 प्रति क्विंटल तक बिक जाती हैं. दूसरा सब्जियों की फसल उतारने के बाद उनके कुछ पत्ते जमीन पर ही गिर जाते हैं और मिट्टी में मिल जाते हैं, जो कि एक अच्छी खाद का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग आलू बैंगन गाजर गोभी मटर करेला खरबूजा और जो भी मौसम के हिसाब से सब्जियां होती हैं उनकी फसल तकनीकी जानकारी और सब्जियों के दाम मंडी में कब ज्यादा होते हैं उसके हिसाब से फसलों को बीजा जाता है और अच्छे दाम प्राप्त करने के लिए सब्जी को साफ-सुथरा करके अच्छे ढंग से पैक कर के सब्जी मंडी तक पहुंचाते हैं, ताकि सब्जी की कीमत अच्छी मिले अगर यह जागरूकता सभी सब्जी उत्पादकों मैं होनी चाहिए. ताकि वह अपनी फसलों के अच्छे दाम मिल सके.
Input: Vipin Sharma