Sharad Purnima 2022: आज यानी 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्योहार है. यह त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर प्रकट हुई थीं. यह भी कहा जाता है कि आज पूरे दिन मां लक्ष्मी धरती पर रहती हैं और अपने भक्तों पर अपनी 


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कृपा बरसाती हैं. इसी वजह से लोग व्रत रख मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं. इसे आरोग्य का त्योहार भी कहा जाता है. शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा भी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इसकी किरणों में औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसीलिए आज के दिन घरों में खीर बनाने का चलन है. इस दिन खीर बनाने के बाद चांद की रोशनी में रखी जाती है. ऐसा मानना है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें पड़ने से खीर में औषधीय गुण आ जाते हैं. 


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इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. और घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है. हिंदू धर्म के अनुसार शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और चंद्र देव के साथ भगवान विष्णु, भगवान  कृष्ण और कुबेर की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी के साथ इन चार देवताओं की भी पूजा करनी चाहिए. 


अब मां लक्ष्मी और चार अन्य देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा के वक्त जिन मंत्रों का जाप किया चाहिए, उनके बारे में भी हम आपको बता देते हैं. 


इस जाप के साथ करें मां लक्ष्मी की आराधना 


ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः


कुबेर देते हैं धन संपदा 


शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कुबेर की विधिवत पूजा करने के साथ नीचे दिए गए मंत्र के जाप से धन संपदा मिलती है. 


'ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये। धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।


चंद्र देव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण 


दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।


भगवान शिव को इस मंत्र से करें खुश 


शरद पूर्णिमा पर शिव मंदिर जाकर जलाभिषेक के साथ शिवलिंग की विधिवत पूजा करनी चाहिए. इस दौरान एक मंत्र का जाप मृत्यु, भय, दरिद्रता से छुटकारा दिलाता है. 


पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।
डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।