shraddha murder case: पॉलीग्राफ-नार्को टेस्ट रिपोर्ट ने उलझाया, तह तक जाने के लिए पुलिस ने बदली रणनीति
श्रद्धा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती सा बन गया है.
प्रमोद शर्मा/ नई दिल्ली: श्रद्धा हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती सा बन गया है. पुलिस को आरोपी आफताब की जो पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की रिपोर्ट मिली है, उसने पुलिस की परेशानी को कम करने की जगह बढ़ा दिया है, क्योंकि पुलिस को जबसे दोनों रिपोर्ट मिली है पुलिस को एक नई चिंता सताने लगी है.
साइंटिफिक टेस्ट की रिपोर्ट वही आई जो कहानी आफताब ने पुलिस को सुनाई. श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस को जिन साइंटिफिक टेस्ट की रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार था, उनके आने के बाद पुलिस के मन में ये सवाल उमड़ रहे हैं कि क्या आफताब शुरू से सच बोल रहा था या वो पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट को भी धोखा देने में कामयाब हो गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस को जो पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की रिपोर्ट मिली है, उसमें ऐसा कुछ भी अलग नहीं है जो आफताब ने पुलिस के सामने दिए अपने बयान में छुपाया हो. दरअसल पुलिस इस बात को लेकर हैरान थी कि आफताब शुरू से ही जिस तरह से पुलिस जांच में सहयोग कर रहा है था, उस पर पुलिस को शक था.
हत्या के इतने महीनों के बाद पकड़े जाने पर आफताब ने पुलिस को जो कहानी सुनाई, उसकी सच्चाई तक पहुंचने के लिए पुलिस ने आफताब का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने का फैसला किया था, ताकि साइंटिफिक टेस्ट के द्वारा उसके सीने में दफन राज को सामने लाया जा सके, जो वो छुपाने की कोशिश कर रहा है. पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की रिपोर्ट से नाखुश पुलिस अब आफताब के वॉइस सैंपल लेकर उसकी आवाज का मिलान अपने उन सबूतों के साथ करना चाहती है, जो इस केस में काफी अहम साबित हो सकते हैं.
पुख्ता सबूतों के साथ कोर्ट जाना चाहती है पुलिस
पुलिस के सामने जैसे-जैसे चार्जशीट दाखिल करने का समय नज़दीक आ रहा है. वैसे-वैसे पुलिस आफताब के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में लगी है. पुलिस अब आफताब की उसी कहानी को सबूतों के साथ कोर्ट में रखेगी, जिसको उसने बार बार पुलिस को सुनाया है, ताकि कोर्ट को परिस्थिजन्य साक्ष्यों के आधार यकीन दिलाया जा सके कि आफताब ने ही श्रद्धा का कत्ल शक की वजह से किया था.