Sirsa Agriculture News: डॉक्टर पिता-पुत्र इस तरह खेती कर कमा रहे भरपूर मुनाफा, किसानों को सिखा रहे आधुनिक खेती के गुर
Agricuture News: प्राइवेट डॉक्टर होने के बावजूद प्रगतिशील किसान के रूप में विकसित हुए डॉक्टर बाप-बेटे ने अपने प्रोफेशन के साथ खेती से फायदा उठाया. उन्होंने परंपरागत खेती छोड़कर फ्रूट और वेजिटेबल की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं.
Sirsa News: सिरसा में पिता-पुत्र की जोड़ी ने कमाल कर दिया है. दोनों प्राइवेट डॉक्टर होने के साथ-साथ प्रगतिशील किसान के रूप में विकसित भी हो चुके हैं. डॉ गुलाब सिंह सिहाग सरकारी अस्पताल से कार्यवाहक सीएमओ रह चुके हैं और रिटायर्ड एसएमओ हैं. अब सिरसा में ही एक प्राइवेट अस्पताल के संचालक हैं. डॉ गुलाब सिंह सिहाग के साथ ही उनका बेटा अभिषेक सिहाग भी उनके साथ ही डॉक्टरी करते हैं. पिछले एक साल से डॉ अभिषेक सिहाग दिल्ली में अपने अस्पताल में डेंटिस का काम रहे है. डॉक्टरी के पेशे के साथ-साथ दोनों पिता पुत्र अपने सिरसा में खेती का काम भी संभालते हैं. सिरसा से करीब 20 किलोमीटर दूर गांव भावदीन में डॉ गुलाब सिंह सिहाग का अपना फार्म है. जहां उन्होंने किन्नू , आम, मौसमी, माल्टा, अंजीर, अनार, अंगूर, अमरूद के बाग लगाए हुए हैं. दोनों पिता पुत्र हफ्ते में अंतिम दो दिन अपने बाग में खेती संभालते हैं. करीब 75 वर्षीय डॉ गुलाब सिंह सिहाग पिछले 12 वर्षों से लगातार आधुनिक खेती कर रहे है और अपने बेटे को खेती के नए नए गुण सीखाते हैं.
डॉ बाप-बेटे की जोड़ी न परंपरागत खेती छोड़ आधुनिक खेती से काम रहे मुनाफा
डॉ गुलाब सिंह सिहाग और उनके बेटे डॉ अभिषेक ने खेती में नए आयाम स्थापित किए है. पहले दोनों पिता पुत्र परंपरागत खेती करते थे, लेकिब बदलते दौर के अनुसार डॉ गुलाब सिहाग ने भी खेती के स्वरूप को बदल लिया और परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती के प्रति रुझान बढ़ाया है. जिसकी बदौलत दोनों प्रगतिशील किसान के रूप में विकसित हो गए हैं. दोनों किसानों ने परंपरागत खेती छोड़कर फ्रूट और वेजिटेबल की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. आम, किन्नू , मौसमी , माल्टा , अंजीर , अनार , अंगूर, अमरूद समेत अनेक सब्जियों की खेती कर रहे है. पिता पुत्र हफ्ते में दो दिन अपने खेती संभालते है. बाप-बेटे की जोड़ी ने दूसरे किसानों को आधुनिक खेती करने की प्रेरणा भी दे रहे है. दोनों किसान हरियाणा सरकार से कई प्रकार की सब्सिडी ले रहे हैं. सब्सिडी मिलने से खेती करने में आसानी हो रही है.
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केंचुआ खाद से खेती करने पर पैदावार हो रही ज्यादा
मार्च 2023 में सीएम मनोहर से प्रगतिशील किसान का अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं. जिला बागवानी अधिकारी ने भी दोनों किसानों के हौसले की तारीफ की है. डॉ गुलाब सिंह सिहाग और उनके बेटे डॉ अभिषेक सिहाग ने बताया कि पहले वे परंपरागत खेती करते थे, लेकिन 2011 से आधुनिक खेती कर रहे हैं. परंपरागत खेती ( नरमा, कपास, धान, गेहूं ) को छोड़कर अब आधुनिक खेती (आम, किन्नू, मौसमी, माल्टा, अंजीर, अनार, अंगूर, अमरूद सहित अनेक सब्जियों की खेती ) कर रहे हैं. अब वे फ्रूट और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती में पानी ज्यादा लगता था और उम्मीद के मुताबिक फसलों की पैदावार भी नहीं होती थी, लेकिन फ्रूट और सब्जियों की खेती में पानी कम लगता है. इससे फसलों के खराब होने की स्थिति कम रहती है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से भी उनको काफी सब्सिडी मिल रही है. केंचुआ खाद से वे अपनी खेती करते हैं, जिससे फसलों की पैदावार ज्यादा होती है. इसके साथ ही केंचुआ खाद के प्रयोग से जहरीली पेस्टिसाइड से भी होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है. डॉ अभिषेक सिहाग ने बताया कि मार्च 2023 में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल द्वारा उनको प्रगतिशील किसान का अवार्ड भी दिया गया है. अब ये दोनों प्रगतिशील किसान दूसरे किसानों को भी आधुनिक खेती के प्रति प्रेरित कर रहे है.
वहीं जिला बागवानी अधिकारी डॉ पुष्पेंद्र सिंह ने भी डॉ गुलाब सिंह सिहाग के हौसलों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि डॉ गुलाब और उनके बेटे का खेती करने का रुझान पिछले काफी समय से था. हालांकि वो पहले परंपरागत खेती करते थे, लेकिन अब पिछले कई सालों से आधुनिक खेती कर रहे है. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों के लिए हरियाणा सरकार और बागवानी विभाग द्वारा भी कई प्रकार की सब्सिडी दी जाती है. जिसके प्रयोग से किसानों को काफी फायदा मिलता है. डॉ पुष्पेंद्र सिंह ने दूसरे किसानों को भी आधुनिक खेती की प्रेरणा दी है.
Input: विजय कुमार