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सिरसा: मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सरकार और प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. जनता की शिकायतों पर न तो प्रशासन सुनवाई करता है और न ही सियासतदान. हालात यह है कि पेयजल को स्वच्छ करने वाले आरओ भी 10 दिन में ही दम तोड़ रहे हैं. घरों में सीवरयुक्त काला पानी सप्लाई हो रही है. साफ-सफाई करना भी इस पानी से काफी मुश्किल हो गया है. लोग पेयजल के लिए बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं तो वहीं घरेलू कार्यों के लिए भी टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं. ऐसा नहीं है कि प्रशासनिक अधिकारियों व सियासतदानों को इसकी जानकारी न हो, लेकिन सभी आंखे मूंदे हुए हैं. लोग तीन सालों से एक के बाद एक शिकायत दे रहे हैं, लेकिन शिकायतों को दफ्तर दाखिल कर दिया जाता है और लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई हैं.
यह मामला है कि सिरसा की भगत सिंह कॉलोनी का. इस कॉलोनी में कई सियासतदानों के आवास हैं तो वहीं साथ लगती कॉलोनी में उपमुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री के आवास भी हैं. कॉलोनी के लोग मोटर चलाकर नल से निकल रहा काला पानी दिखाते हुए रोष जाहिर कर रहे हैं. बदबू के कारण घरों में रहना भी मुश्किल हो गया है. बूढ़े हों या बच्चे सभी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. पिछले लंबे समय से सीवरयुक्त काला पानी आने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. शिकायतों पर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मौका-मुआयना किया और शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया. लंबा समय बीत गया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम होता दिखाई नहीं दे रहा. पाईप डालने के लिए सड़क खोदने का कार्य धीमी गति से चल रहा है. एक महीने में कर्मचारी सिर्फ आरसीसी सड़क पर मात्र निशानदेही ही कर पाए हैं. अब लोगों को कहना है कि प्रशासन तेज गति से कार्य करवाए और उनकी समस्या का समाधान करे. अब देखना यह होगा कि भगत सिंह कालोनीवासियों को काले पानी की सजा से कब मुक्ति मिलती है?
भगत सिंह कॉलोनी निवासी लखविन्द्र सिंह ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से उनकी कालोनी में गंदा पानी आ रहा है. पिछले साल जनस्वास्थ्य विभाग के एससी ने भी मौका मुआयना किया था और शीघ्र समस्या के समाधान के आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. उस समय अधिकारियों ने भी पानी पीने से इंकार किया था. अब गंदा पानी पीने के कारण क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं. अधिकारियों को लगातार शिकायतें की जा रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.
कॉलोनी निवासी हरविन्द्र सिंह ने कहा कि राजनीतिक लोग समय-समय पर वोट मांगने आते हैं. वे भी उनका साथ देते हैं. लेकिन जब समस्या का समाधान नहीं होता तो उन्हें भी मुश्किल उठानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि आस-पास के इलाकों में बड़े-बड़े नेता रहते हैं. उनके घरों में अगर दिक्कत आए तो तुरंत समाधान हो जाता है, लेकिन जनता की परेशानियों के समाधान की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता.
कॉलोनी निवासी रेखा गोयल ने कहा कि काले पानी से आ रही बदबू के कारण घरों में रहना मुश्किल हो गया है. पानी व अन्य घरेलू जरूरतों के पानी मोल लेना पड़ रहा है. टैंकर वालों ने भी समस्या को देखते हुए रेट बढ़ा दिए हैं. 400 रूपये वाला टैंकर पानी उन्हें अब मजबूरी में 700 रूपये में खरीदना पड़ रहा है.
Input: विजय कुमार