झज्जर में एक काव्य मंच से आप और सिसोदिया पर तंज कसते हुए कहा कि अगर मैं राजनीति नहीं छोड़ता तो आज मैं शराब के ठेके का हिसाब दे रहा होता कि ठेका कितने का गया.
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जगदीप जाखड़/झज्जर: देश के प्रख्यात कवि कुमार विश्वास झज्जर के गांव खातीवास में संस्कारम स्कूल के कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को मोटिवेट करने आए थे. यहां उन्होंने बच्चों से कहा कि चुनौतियों को सामने रखकर भी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करें. वहीं काव्य मंच से आम आदमी पार्टी और खासकर वहां के उप-मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया पर तंज कसा है. उन्होने कहा है कि राजनीति अच्छी होती तो वह आज राजनीति में जरूर होते. उन्होंने राजनीति छोड़ी ही इसलिए थी क्योंकि अब राजनीति गंदी हो चुकी है.
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झज्जर के स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान कुमार विश्वास ने AAP और सिसोदिया पर तंस कसे. वहीं उन्होंने कहा कि अब राजनीति गंदी हो गई है, इसलिए उन्होंने छोड़ दी थी. अगर नहीं छोड़ते तो आज मैं शराब के ठेके का हिसाब दे रहा होता कि ठेका कितने का गया. यहीं हिसाब उन्हें देना था, लेकिन ऐसा होता उससे पहले ही उन्होंने राजनीति को छोड़ दिया.
वहीं बच्चों से कहा कि चुनौतियों को सामने रखकर भी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करें. वहीं उन्होंने बच्चों से कहा कि इस बात की चिंता कतई न करें की सामने वाला क्या कह रहा है, बल्कि वह करें, जिसके लिए आपका मन गवाही दे रहा है. कुछ बनने से पहले आपने तय ही यह करना है कि आप अच्छा आदमी बनें. उन्होंने स्कूली बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि छोटा सपना देखना एक तरह से अपराध है, यदि आपके मन में विश्वास है तो आपको अब्दुल कलाम बनने से कोई नहीं रोक सकता.
वहीं कुमार विश्वास ने बेटियों पर अपना फोकस करते हुए कहा कि बेटी वह दिव्य ज्योति है, जो कि एक नहीं बल्कि दो परिवारों को रोशन करती है. बेटियों से आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा वो जगह है जहां पर कर्म करना सिखाया गया है. वहीं गीता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गीता धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि वह मनोविज्ञान का ग्रंथ है, जो कि हारे हुए व्यक्ति में जीत का विश्वास पैदा करता है.