Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए मांगे पांच नाम
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1977790

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए मांगे पांच नाम

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए 28 नवंबर तक पांच वरिष्ठ नौकरशाहों का एक पैनल उपलब्ध कराएं और दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा सुझाए गए लोगों में से एक नाम चुन सकती है. बढ़ेगा विश्वास भारत के डी.वाई.

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए मांगे पांच नाम

Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए 28 नवंबर तक पांच वरिष्ठ नौकरशाहों का एक पैनल उपलब्ध कराएं और दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा सुझाए गए लोगों में से एक नाम चुन सकती है.

बढ़ेगा विश्वास
भारत के डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मंगलवार सुबह 10.25 बजे तक नामों की सूची दिल्ली सरकार को देने को कहा. पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि ऐसा करने से "केंद्र सरकार की चिंताएं" पूरी होंगी और साथ ही, "राज्य की निर्वाचित शाखा के अधिकारी में कुछ हद तक विश्वास बढ़ेगा".

उपराज्यपाल के एकतरफा निर्णय पर विरोध
उपराज्यपाल के "एकतरफा" निर्णय का विरोध करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा, "अंतिम विकल्प आपके (केंद्र) द्वारा सर्वोच्च नौकरशाह के नामित पैनल से चुना जाएगा. आपकी चिंताओं का ध्यान रखा जाता है." दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "दिल्ली की स्थापना से लेकर 2018 तक, यह हमेशा 'विशेष रूप से' दिल्ली की एनसीटी की सरकार थी, जिसने मुख्य सचिव की नियुक्ति की थी.

समाधान होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर कार्रवाई करते हुए महज औपचारिक नियुक्ति की है. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "आखिरकार, (केंद्रीय) गृह मंत्रालय को नियुक्ति करनी है, लेकिन आपके पास एक प्रक्रिया होनी चाहिए, जहां सरकारें काम करती हैं. आप हमें एक व्यावहारिक समाधान क्यों नहीं देते?" शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में औपचारिक रूप से कुछ भी तय करने से खुद को रोक दिया और कहा कि वह 28 नवंबर को इस मुद्दे को समाप्त कर देगी. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जयंत नाथ को डीईआरसी का तदर्थ अध्यक्ष नामित किया था क्योंकि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री किसी भी नाम पर सहमति बनाने में विफल रहे.