SC historical judgement: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए  सुनने में असमर्थ वकील साराह सनी के लिए इंटरप्रेटर नियुक्त किया है. बेंगलुरु की रहने वाली वकील साराह बोल नहीं पाती हैं और हाथ से संकेतों के जरिये ही संवाद कर पाती हैं. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट इस पर भी  विचार कर रहा है कि भविष्य में संविधान पीठ की होने वाली सभी  सुनवाई में एक इंटरप्रेटर की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उनके संकेतों की मदद से बधिर लोग भी कोर्ट की सुनवाई को समझ सके. चीफ जस्टिस ने यह जानकारी उस वक्त दी, जब साराह सनी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़ी थीं. 


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साराह ने कोर्ट से की थी मांग
साराह ने कोर्ट मे याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को बेहतर तरीके से समझने के लिए इंटरप्रेटर नियुक्त किए जाने की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट ने अपने खर्च पर इंटरप्रेटर नियुक्त करने का फैसला सुनाया. आज साराह बेंगलुरु से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई से जुड़ीं. इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वो इंटरप्रेटर भी जुड़ी हुई  थीं, जो संकेतों के जरिये उन्हें सुप्रीम कोर्ट में चल रही जिरह के बारे में बता रही थीं. 


संविधान पीठ की सुनवाई में होंगे इंटरप्रेटर
चीफ जस्टिस ने संकेत दिया है कि कोर्ट इस पहल को और विस्तार देने पर विचार कर रहा है. चीफ जस्टिस ने कहा कि ये पहली बार हुआ जब कोर्ट द्वारा नियुक्त कोई इंटरप्रेटर सुनवाई में पेश हुआ है. मैं सेक्रेटरी जनरल से इस पर विचार कर रहा था कि संविधान पीठ की सुनवाइयों में इंटरप्रेटर की व्यवस्था की जाए ताकि सभी लोग सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को समझ सके. 


चीफ जस्टिस ने दी जिरह करने की सलाह
केस की जिरह के बाद चीफ जस्टिस ने साराह सनी से पूछा कि क्या आप इंटरप्रेटर के जरिये सुनवाई को ठीक तरह से समझ पा रही हैं.  साराह सनी ने  इंटरप्रेटर के जरिये जवाब दिया कि वाकई उनके लिए यह अच्छा अनुभव रहा. इसकी पुष्टि साराह की धीमी मुस्कुराहट ने की. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारा मकसद है कि हर कोई कोर्ट की सुनवाई को समझ सके. चीफ जस्टिस ने साराह को सलाह दी कि अब जब हमने प्रकिया शुरु कर दी तो बेहतर होगा कि वो अब अपने केस में खुद जिरह करें.


SC की सार्थक पहल
इससे पहले भी 22 सितंबर को  साराह एक इंटरप्रेटर के जरिये सुनवाई से जुड़ी थीं.  तब उनकी ओर से उनकी  सीनियर  वकील संचिता आइन ने चीफ जस्टिस से आग्रह किया था. संचिता ने ज़ी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि वो कोर्ट की पहल से बहुत खुश हैं.  चीफ जस्टिस ने संविधान पीठ की सुनवाई में जो इंटरप्रेटर नियुक्त करने को कहा है, उससे बहुत अच्छा संदेश जाएगा जो बधिर समुदाय के लोग खुद को उपेक्षित समझते आए हैं. उन्हें अब एहसास होगा कि हम उन्हें अपना समझते हैं. साराह भी इंटरप्रेटर के जरिये सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से जुड़कर अपने आप को कहीं ज्यादा आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही हैं. संचिता का कहना है कि हम दरअसल ये देखने में असमर्थ थे कि बधिर लोग संवाद भी कायम कर सकते हैं.